आनंद के सूत्र
आयु के तीसरे चरण में माता-पिता को अपने अतीत को भूलकर भविष्य की ओर देखना चाहिए, ताकि बच्चों के प्रति उनका प्रेम, और बच्चों का उनके प्रति सम्मान बना रहे। संसार में सभी जीव ईश्वरप्रदत्त इस ज्ञान का उपयोग कर सुखी रहते हैं। सुखी, संतुष्ट और गरिमामय जीवन के लिए आवश्यक है कि अपनी योग्यता … Read more