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चेन्नई-बंगलूरू की सड़कों की तर्ज पर विकसित होगा आंबेडकर रोड

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गाजियाबाद, यूटर्न/23 अप्रैल।
 शहर का आंबेडकर रोड चेन्नई और बंगलूरू की सड़कों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। आंबेडकर रोड के दोनों ओर चौड़े फुटपाथ बनाए जाएंगे। निर्धारित पार्किंग में वाहन खड़ा कर लोग पैदल चलकर शॉपिंग का लुत्फ उठा सकेंगे। इस मार्ग को नो पार्किंग जोन बनाया जाएगा। मुख्य कैरिज-वे पर वाहन रोकने पर तत्काल चालान काटा जाएगा।
शहर की चार सड़कों को मॉडल रोड के रूप में विकसित किया जाना है। शासन के निर्देश पर इस महत्वाकांक्षी परियोजना में बदलाव किया गया है। नगर निगम दोबारा इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर रहा है। मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम (अर्बन) के तहत तकरीबन 200 करोड़ रुपये नगर निगम को मॉडल रोड विकसित करने के लिए मिलना तय हो गया है। शासन की मंशा है कि मॉडल रोड परियोजना के तहत शहर की मुख्य सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम किया जाए। जो सड़कें पहले चुनी गई थीं, उनकी जगह ऐसी सड़कों को योजना में शामिल किया जाए जिनपर काम कर जाम की समस्या को खत्म किया जा सके।
नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक और मुख्य अभियंता एनके चौधरी हाल में चेन्नई के पोंडी बाजार, केएनके रोड के अलावा बंगलूरू के रेजिडेंसी रोड, चर्च स्ट्रीट, म्यूजियम रोड, डॉ. आंबेडकर रोड के अलावा कई अन्य मुख्य सुड़कों का दौरा कर लौटे हैं। इन सड़कों पर पार्किंग फ्री जोन, सुचारू यातायात, पैदल चलने के लिए बेहतर व्यवस्था और बिजली, पानी, सीवर जैसी सभी नागरिक सुविधाएं भूमिगत हैं। गाजियाबाद का आंबेडकर रोड शहर का सबसे व्यस्त सड़क है। इस मार्ग पर पड़ने वाले बाजारों में केवल गाजियाबाद ही नहीं बल्कि दिल्ली, नोएडा और आसपास से लोग आते हैं। ऐसे में मॉडल रोड योजना के तहत सबसे पहले इस आंबेडकर रोड को चुना गया है। नगर निगम के मुख्य अभियंता एनके चौधरी ने बताया कि मेरठ तिराहे से चौधरी मोड़ तक करीब 1.8 किमी लंबी इस सड़क का सर्वे कर लिया गया है।
चार अन्य सड़कों का सर्वे जारी
मॉडल रोड परियोजना के तहत चार अन्य सड़कों का सर्वे किया जा रहा है। इनमें तिगरी गोल चक्कर से एनएच-9 को जोड़ने वाली सड़क का करीब 1.2 किमी. लंबा हिस्सा, मोहननगर से हिंडन एयरफोर्स स्टेशन तक 1.2 किमी. लंबी सड़क, डाबर चौराहे से आनंद विहार को जोड़ने वाली 600 मीटर लंबी सड़क के अलावा यूपी बॉर्डर से वैशाली तक महागुन मॉल के सामने वाली सड़क का सर्वे किया जा रहा है। पहले चरण में विकसित करने के लिए इनमें से कोई दो सड़कें चुनी जाएंगी।
योजना में बार-बार बदलाव की वजह
दरअसल, किसी भी योजना को अंजाम देने से पहले सर्वे की प्रक्रिया पूरी होती है। इसके बाद डीपीआर तैयार की जाती है। लेकिन सीएम ग्रिड योजना के तहत बनने वाली मॉडल रोड का पहले बिना सर्वे चयन कर लिया गया। इसकी डीपीआर भी शासन को भेज दी गई। इसके बाद अर्बन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंसी (यूरिडा ) और नगर निगम ने सर्वे किया तो अड़चनों का पता लगा। ऐसे में बार-बार मॉडल रोड योजना में बदलाव करना पड़ा। अब सर्वे के बाद ही सड़क का चयन किया जा रहा है और दोबारा से डीपीआर तैयार की जा रही है।
मॉडल रोड परियोजना में बदलाव किया गया है। किन सड़कों को इसमें शामिल किया जाना है, इसके लिए सर्वे किया जा रहा है।

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