पंजाब/यूटर्न/31 जुलाई: मन्नी लांडिग व बैक से धोखाधडी के आरोप में आप विधायक गज्जनमाजरा ने अपनी गिरफतारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली है। साथ ही अब उन्हें जमानत के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट जाने की छूट होगी। उन्हें ईडी ने 6 दिसंबर 2023 को गिरफतार किया था। तब से वह जेल में हैं। इससे पहले 29 मई को सुप्रीम कोर्ट ने माजरा को जमानत देने से इनकार कर दिया था। सीबीआई ने पिछले साल मई में इस मामले में अपनी जांच शुरू की थी। 40 करोड़ की धोखाधड़ी से जुड़े मामले में छापेमारी की गई थी। इसके बाद सितंबर में ईडी ने उनके खिलाफ लोन धोखाधड़ी से जुड़ा मामला दर्ज किया था। इस मामले में उन्हें गिरफतार भी किया गया था। छापेमारी के दौरान उनके ठिकानों से 32 लाख रुपये नकद, कुछ मोबाइल और हार्ड ड्राइव जब्त किए गए थे। हालांकि, उन्होंने पहले एक रुपये सैलरी लेने का ऐलान किया था। आप विधायक गज्जन माजरा गिरफ्तारी के बाद से ही नाभा जेल में बंद हैं। हालांकि, इस बीच जेल में फिसलकर गिर पड़े। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इसके बाद वे दोबारा बीमार पड़े तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जबकि विपक्षी दलों ने सवाल उठाए थे कि सरकार उन्हें बीमारी के बहाने अस्पताल में भर्ती कराकर वीआईपी ट्रीटमेंट दे रही है।
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