— स्थानीय हितों के लिए जारी रहा आंदोलन, अब राज्यपाल करेंगे परियोजना की समीक्षा
जीरकपुर 04 Nov : रायपुर कलां रेलवे फाटक के स्थान पर अंडरपास निर्माण को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रही जॉइंट एक्शन कमेटी फॉर वेलफेयर ऑफ बलटाना रेजिडेंट्स के पांच सदस्यों को चंडीगढ़ जिला अदालत ने दोषी करार दिया है। अदालत ने सभी अभियुक्तों पर तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया, जिसे मौके पर ही भरने के बाद मामला निपटा दिया गया।
गौरतलब है कि अंडरपास निर्माण की मांग को लेकर वर्ष 2017 से लगातार आंदोलन चल रहा था। कई बार धरना-प्रदर्शन और रैलियां निकाली गईं। कमेटी के प्रधान प्रताप सिंह राणा ने तो कई बार आमरण अनशन भी किया। अक्टूबर 2021 में हुए एक आंदोलन के दौरान गुस्साए लोगों ने दिल्ली-चंडीगढ़ शताब्दी एक्सप्रेस को रोक दिया था। इसी मामले में थाना मनीमाजरा में एफआईआर नंबर 159/21 दर्ज की गई थी। पुलिस ने 13 दिसंबर 2022 को केस की चार्जशीट अदालत में पेश की थी।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) सचिन यादव की अदालत ने 29 अक्तूबर 2025 को फैसला सुनाते हुए प्रताप सिंह राणा सहित चार अन्य को दोषी ठहराया। सभी ने मौके पर ही जुर्माना भर दिया, जिसके बाद अदालत ने केस को समाप्त घोषित कर दिया।
निर्णय के बाद प्रताप सिंह राणा ने कहा कि वे जनता के अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहेंगे। उन्होंने बताया कि अंडरपास के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अप्रैल 2025 तक पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन देरी के कारण उन्होंने 29 जून 2025 को सोशल मीडिया पर लाइव होकर अधिकारियों को चेताया था।
इसके बाद राजस्थान परिवार के अध्यक्ष पवन शर्मा और अन्य प्रतिनिधियों ने चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से 7 से 9 जुलाई के बीच मुलाकात की थी। परिणामस्वरूप 10 जुलाई 2025 को भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत सेक्शन 11 नोटिस जारी किया गया।
हाल ही में 31 अक्तूबर को पंजाब स्थापना दिवस के अवसर पर राजभवन में इस परियोजना से संबंधित ताजा प्रगति रिपोर्ट राज्यपाल को दी गई। उम्मीद है कि राज्यपाल जल्द ही उच्च अधिकारियों से इस परियोजना की समीक्षा करवा कर इसके टेंडर जारी करवाने की प्रक्रिया को तेज करेंगे।





