पंजाब कैबिनेट की और से कारोबारियों के लिए एकबार फिर वन टाइम सेटलमेंट स्कीम का तोहफा

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कारोबार को मिलेगा प्रोत्साहन

चंडीगढ़, 24 सितंबर: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में राज्य कैबिनेट ने आज राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और कारोबार के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इन निर्णयों में विशेष रूप से पंजाब वन टाइम सेटलमेंट स्कीम 2025 पर मुहर लगाई गई, जो 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगी।

कैबिनेट ने इस स्कीम के माध्यम से उद्योगों और व्यापारियों पर लंबित टैक्स बकाए को निपटाने के लिए एक सुलझा हुआ रास्ता प्रदान किया है। स्कीम के तहत, जिन मामलों में टैक्स राशि 1 करोड़ रुपये तक है, उन पर ब्याज और जुर्माने में 100% छूट दी जाएगी, जबकि टैक्स राशि पर 50% तक छूट दी जाएगी। इससे बड़े टैक्स मामलों के निपटारे में मदद मिलेगी और कारोबारियों को राहत मिलेगी। इससे राज्य सरकार को बकाया राशि की जल्द वसूली हो सकेगी, और उद्योगों में वित्तीय स्थिरता आएगी।

इसके अतिरिक्त, पंजाब में चावल मिल मालिकों के लिए भी एक वन टाइम सेटलमेंट स्कीम की मंजूरी दी गई है। इस स्कीम के तहत, चावल मिल मालिकों को उनके लंबित बकाए को चुकता करने का एक और मौका मिलेगा। जिन मिल मालिकों ने पहले अपने बकाए का भुगतान नहीं किया था, उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा था। अब, इस स्कीम से उनका निपटारा आसान हो जाएगा, जिससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और खरीदी सीजन में धान की खरीदारी सुचारु रूप से हो सकेगी।

इसके अलावा, कैबिनेट ने पंजाब अपार्टमेंट और प्रॉपर्टी रेगुलेशन एक्ट, 1995 में संशोधन को भी मंजूरी दी। यह संशोधन कॉलोनियों और क्षेत्रों के विकास को योजनाबद्ध तरीके से सुनिश्चित करेगा, जिससे स्थानीय लोगों को भविष्य में कम समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

पंजाब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (संशोधन बिल) 2025 में भी संशोधन को मंजूरी दी गई है, जिसका उद्देश्य करदाताओं की सुविधा और उनके द्वारा टैक्स पालन को सरल बनाना है।

मंत्रिमंडल ने मोहाली में विशेष एन.आई.ए. अदालत के गठन को भी हरी झंडी दी, ताकि एन.आई.ए. के मामलों की सुनवाई में देरी न हो और न्यायिक प्रक्रिया में सुधार हो। इसके अलावा, पूर्व मंत्री साधू सिंह धर्मसोत के खिलाफ क्रिमिनल प्रोसीजर कोड और भ्रष्टाचार रोकथाम एक्ट के तहत मुकदमा चलाने की सिफारिश को मंजूरी दी गई है।

इन सभी पहलकदमियों से पंजाब की अर्थव्यवस्था को गति मिलने की उम्मीद है और राज्य के कारोबारियों और किसानों को फायदा होगा। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने न केवल कारोबार को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम उठाए हैं, बल्कि राज्य के विकास को और तेज़ करने की भी योजना बनाई है।

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