तेजी से बदलते मौसम के मददेनजर कृषि विभाग ने किसानो के लिए जारी कि एडवाइजरी
जनहितैषी, लखनउ, 7 फरवरी। क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप की वर्ष 2024-25 की चौबीसवीं बैठक डा. विनोद कुमार तिवारी, प्रभारी महानिदेशक, उ.प्र. कृषि अनुसंधान परिषद की अध्यक्षता में दिनांक 06 फरवरी, 2025 को परिषद के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। प्रदेश में मौसम के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में किसानों को अगले दो सप्ताह हेतु कृषि प्रबन्धन के लिए सुझाव दिये गये हैं।
आगामी सप्ताह का मौसम पूर्वानुमान (07 फरवरी 2025- 13 फरवरी 2025)
भारत मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त मौसम पूर्वानुमान के अनुसार इस सप्ताह (07 फरवरी 2025- 13 फरवरी 2025) के दौरान प्रदेश के सभी कृषि जलवायु अंचलों में मौसम मुख्यतया शुष्क रहने की संभावना है। प्रदेश के विंध्य क्षेत्र के दक्षिणी भाग में औसत साप्ताहिक अधिकतम तापमान सामान्य से आंशिक रूप से अधिक जबकि प्रदेश के अन्य कृषि जलवायु अंचलों में औसत साप्ताहिक अधिकतम तापमान सामान्य के आस-पास रहने की संभावना है।
इस सप्ताह के आरंभिक चरण में सामान्य से तेज गति से हवायें चलने की संभावना है।
आगामी द्वितीय सप्ताह के मौसम का दृष्टिकोण (14 फरवरी 2025-20 फरवरी 2025)
प्रदेश के भाभर तराई एवं मध्य पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के पूर्वी भाग में औसत साप्ताहिक अधिकतम तापमान सामान्य से आंशिक रूप से (1 -2 डिग्री सेल्सियस) अधिक जबकि प्रदेश के अन्य कृषि जलवायु अंचलों में औसत साप्ताहिक अधिकतम तापमान सामान्य के आस-पास रहने की संभावना है।
मौसम के परिप्रेक्ष्य में किसानों को फसल प्रबन्धन हेतु निम्नलिखित सुझाव दिये जाते हैंः-
फरवरी माह में प्रभावी वर्षा नहीं होने के कारण अधिकतम व न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने के संभावना है अतः कृषक गेहूं के खेतों में नमी बनाये रखने के लिये 10 से 15 दिनों के अंतराल पर निरंतर सिंचाई करते रहें तथा तापमान की तत्कालीन स्थिति के बारे में निरंतर जानकारी लेते रहें।
यदि तेज हवायें चल रही हो तो अधिक सिंचाई से बचें अन्यथा फसल गिर सकती है।
लाल सड़़न रोग से संक्रमित किस्म को-0238 की बुवाई न करें।
बसंतकालीन गन्ना की बुवाई करते समय मृदा उपचार हेतु ट्राइकोडर्मा 4 कि.ग्रा. प्रति एकड़ की दर से मृदा में प्रयोग करें। मटर में फलियां एवं दाना बनते समय आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करें। जायद में मक्के की बुवाई के लिये फरवरी का प्रथम सप्ताह सर्वोत्तम है यथा मक्का की संकुल किस्मों नवजोत, श्वेता, आजाद उत्तम, कंचन, गौरव व संकर किस्मों दक्कन-115, एम.एम.एच.-133, प्रो-4212, हरे भुट्टे माधुरी, प्रिया शिशु मक्का हेतु बी.एल.-42, प्रकाश, पूसा अगेती संकर मक्का-2 की बुवाई करें।
खरबूजा की बुआई का समय 10-20 फरवरी तक है अतः कृषक संस्तुत प्रजातियों काशी मधु, पूसा शरबती, पूसा मधुरस, हरा मधु, पंजाब-सुनहरी तथा संकर किस्मों पंजाब संकर के बीज की व्यवस्था करें। तरबूज की बुआई का समय फरवरी से प्रारभ है अतः कृषक संस्तुत प्रजातियों सूगर बेबी, दुर्गापुर केसर, अर्का मानिक, दुर्गापुर मीठा, संकर किस्मों आर्का ज्योति के बीज की व्यवस्था करें। अक्टूबर माह में बोई गई फसल फरवरी माह के अंत तक पक जाती है। खुदाई से 10 दिन पहले आलू की बेल को काट दें, जिससे आलू पक जाय और छिलका मजबूत हो जाय। अगेती आलू की खुदाई के बाद ग्रीष्मकालीन मक्का, मूंग एवं सूरजमुखी की बुवाई हेतु खेत को तैयारी करें।
आम की फसल में बौर निकलने के समय भुनगा कीट का प्रकोप दिखाई पड़ने पर इमिडाक्लोप्रिड अथवा क्यूनॉलफॉस 2 मि.ली. को प्रति ली. पानी में घोलकर बनाकर छिड़काव करें। बेल की फलों को चटकने और असमय गिरने से बचाने के लिये पेड़ के ऊपर फफूंदीनाषक कार्बेन्डाजिम मैंकोजेब 02 ग्राम दवा या टेबुकोनाजोल 01 मिली या प्रोपीनेब 01 मि.ली. या क्रोसोसिम हाईफनमेथाइल क्लोरोथालोनिल 01 मिली प्रति लीटर पानी या पोटेशियम सल्फेट 3 से 4 ग्रा. प्रति लीटर का छिड़काव 15 दिन के अंतराल पर 2 से 3 बार छिड़काव करें तथा पेड़ के जड़ क्षेत्र में सिंचाई करके नमी बनाये रखें।
आंवलें की फसल में दीमक कीट से प्रभावित बाग में नियंत्रण हेतु ब्यूवेरिया वेसियाना 2 से 5 ग्रा. प्रति लीटर पानी में घोलकर तने के आस-पास की मिट्टी में मिला दें।
पी.पी.आर. का टीकाकरण 10.01.2025 से तथा खुरपका एवं मुंहपका बीमारी (एफ.एम.डी.) का टीकाकरण 15.02.2025 से पशुचिकित्सालयों पर निःशुल्क कराया जायेगा।