मंत्रियों से लेकर एमपी तक सबकी ड्यूटी, लोकल स्तर पर जारी होगा घोषणापत्र
चंडीगढ़ 16 दिसंबर। पंजाब में 21 दिसंबर को होने वाले पांच नगर निगम और 44 नगर परिषद के चुनाव में अब चंद दिन बचे हैं। यह चुनाव सत्ताधारी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बने हैं, लिहाजा इसमें जीतने के लिए आम आदमी पार्टी ने 69 कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए हैं। पार्टी हाईकमान द्वारा विधायकों से लेकर मंत्रियों और सांसदों तक की चुनावी-ड्यूटियां लगा दी गई हैं।
इसके अलावा स्थानीय मुद्दों पर चुनाव घोषणापत्र जारी किए जा रहे हैं, ताकि मतदाताओं का दिल जीता जा सके। पार्टी किसी भी कीमत पर ये चुनाव जीतना चाहती है। क्योंकि इसके ठीक बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव हैं। पार्टी इन चुनावों की जीत को वहां भी भुनाने की कोशिश करेगी। ऐसे में पार्टी किसी भी स्तर पर कोई कसर छोड़ने के मूड में नहीं है।
इस चुनाव के सियासी-मतलब :
इस बार होने नगर निगम चुनाव आप के लिए काफी अहम हैं, क्योंकि इस समय राज्य में पार्टी की सरकार है। कुल 117 विधानसभा हल्कों में से 95 पर पार्टी के विधायक हैं। ऐसे में पार्टी की इन चुनावों को फतह करना निहायत जरुरी है। संयोग से नगर निगम, दिल्ली में विस चुनाव चुनाव से ठीक पहले हैं। दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी की सरकार है। ऐसे में अगर इन चुनावों में पार्टी को मन मुताबिक रिजल्ट नहीं मिलते हैं तो नतीजों का असर दिल्ली चुनाव पर भी पड़ेगा। नगर निगम चुनाव भी शहरी एरिया में हो रहे हैं। ऐसे में इस बार सीधा मुकाबला कांग्रेस से नहीं होगा। जबकि शहरी एरिया होने की वजह से इस एरिया में भाजपा की भी पकड़ मजबूत मानी जाती हैं। कई नगर निगमों व नगर काउंसिलों में पहले भी भाजपा के पार्षद और मेयर तक रहे हैं। यह चुनाव आप के सीनियर नेता अमन अरोड़ा के प्रधान बनने के बाद पहली बार हो रहे हैं। इस चुनाव की अगुवाई सीधे वही कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने कई जिलों में जाकर नेताओं से मीटिंग की। साथ ही चुनाव बनाने की स्ट्रेटजी बनाई थी। नगर निगम चुनाव के बाद सीधे 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी की तरफ से कोशिश की जाएगी कि हर हालत में यह चुनाव जीते जाए। साथ ही 2027 में होने वाले चुनाव की राह को आसान बनाया जाए। हालांकि सियासी जानकारों का मानना है कि निगम चुनाव में आप की सियासी-राह आसान नहीं है।
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