हरियाना/यूटर्न/24 नवंबर: एलएलबी के एक छात्र का भविष्य दांव पर लगाने पर कड़ा रुख अपनाते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) रोहतक पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया है। हाईकोर्ट ने तीन माह के भीतर यह राशि छात्र को सौंपने का आदेश दिया है। दीपम आनंद सिंह ने हाईकोर्ट को बताया कि उसने 2023-2028 बैच के एलएलबी पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया था। तीसरे सेमेस्टर में उसको हॉस्टल से निकालने और 10 हजार जुर्माने का आदेश दिया गया था। इसके बाद याची तीन दिन तक हॉस्टल में रुका था, जिसे अवैध बताते हुए उसे संस्थान से निकालने का आदेश जारी किया गया। इसके खिलाफ याची ने अपील की, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद याची ने दया याचिका दाखिल की जिस पर निदेशक ने सजा को कम करते हुए उसे एक साल फीस के साथ दोहराने का आदेश जारी कर दिया। इसके खिलाफ उसने हाईकोर्ट की शरण ली थी। याची ने बताया कि तीसरी सजा पहले की दो सजाओं को आधार बनाकर दी गई थी जो याची पहले से भुगत चुका है। ऐसे में यह तीसरी सजा उसके साथ दोहरी सजा होगी।
हाईकोर्ट ने कहा- आदेश सही नहीं था
हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि सजा और उसके खिलाफ अपील में सुनाया गया आदेश सही नहीं था। ऐसे में हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने संस्थान को आदेश दिया है कि याची को पढ़ाई जारी रखने दी जाए। साथ ही उसका तीसरे सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम घोषित करने का भी आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि संस्थान के इस प्रकार के निर्णय के चलते याची को परेशानी झेलनी पड़ी और उसका करियर दांव पर लग गया था। ऐेसे में संस्थान अब मुआवजे के रूप में याची को तीन माह के भीतर एक लाख रुपये का भुगतान करे।
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आईआईएम रोहतक पर एक लाख जुर्माना, स्टूडेंट का भविष्य दांव पर लगाया
Kulwant Singh
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