लुधियाना/यूटर्न/23 नवंबर: पंजाब की चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। पंजाब की 4 सीटों में से 3 पर आम आदमी पार्टी ने तो एक सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है। वहीं अब दिसंबर में यानि अगले महीने नगर निगम के चुनाव होंने जा रहे है,जिस कारण आज से ही राजनितक रण का आगाज़ हो गया है। जिसका प्रमाण है कि आप विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी ने तो ऐलान भी कर दिया है कि नगर निगम चुनाव में आप ही जीतेगी और आप के मेयर बनेगें। वहीं कांग्रेस के खेमों व भाजपा में मायूसी छाई हुई है। भाजपा तो लोक सभा की तरह अपना खाता भी नही खोल पाई। हालांकि कांग्रेस का कहना था कि पंजाब में धक्केशाही कर आप पार्टी जीती है,कोई भी वर्ग आप के पक्ष में नही था। एक बात जो ग्राउंड पर देखी गई कि कांग्रेस प्रधान की पत्नी भी चुनाव लड रही थी,जिस कारण उनका पूरा ध्यान अपनी पत्नी के चुनाव क्षेत्र पर ही रहा वह दूसरे इलाकों में नही गये और ना ही वह अपनी पत्नी को जिता पाये।
उपचुनाव के नतीजे
बरनाला विधानसभा सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी कुलदीप सिंह ने जीत हासिल की है। जबकि कभाजपा के केवल सिंह ढिल्लों व आप के हरिंदर सिंह धालीवाल हार गये है। वहीं डेरा बाबा नानक सीट पर आप प्रत्याशी गुरदीप रंधावा ने जीत हासिल की है। जबकि कांग्रेस की जतिंदर कौर रंधावा व बीजेपी के रविकर्ण सिंह काहलों को हार मिली है। वहीं गिद्दडबाहा में आप के हरदीप सिंह डिंपी को जीत मिली तो भाजपा के बडे नेता मनप्रीत बादल तथा कांग्रेस प्रधान राजा वडिंग की पत्नी अमृता वडिंग के हिस्से में हार आई है। चब्बेवाल सीट पर भी आप प्रत्याशि डाक्टर ईशांक चब्बेवाल ने जीत हासिल की है। जबकि बीजेपी के सोहन सिंह ठंडल व कांग्रेस के रंजीत कुमार चुनाव हार गये है।
कितने प्रतिशत हुआ मतदान
बता दें कि पंजाब में विधानसभा की चार सीटों पर उपचुनाव के लिए बुधवार को मतदान हुआ था। इन चारों सीटों पर 63 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। गिदड़बाहा में सबसे अधिक 81 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। वहीं डेरा बाबा नानक में 63 प्रतिशत, बरनाला में 54 प्रतिशत और चब्बेवाल में 53 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
अकाली दल ने नहीं लिया था चुनाव में हिस्सा
बता दें कि इस चुनाव में प्रचार शिरोमणि अकाली दल ने हिस्सा नहीं लिया। अकाली दल के चुनाव लडऩे से उसके वोट बैंक को अपनी ओर करने के लिए बीजेपी, आप और कांग्रेस ने पूरा जोर लगाया। खासतौर पर आम आदमी पार्टी ने, जिन्होंने हर सीट पर अपने उन विधायकों, नेताओं कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई जो शिरोमणि अकाली दल से आम आदमी पार्टी में आए हुए हैं। बताते हैं कि उन्हें केवल इस बात के ही निर्देश दिए गए कि वे शिअद के वोट बैंक को सत्तारूढ़ पार्टी की ओर लाएं।
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