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रुरल कोर्ट खोलने के विरोध में खन्ना के साथ फतेहगढ़ साहिब के वकीलों ने रखी हड़ताल

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सैकड़ों केस की सुनवाई टली, पूरे पंजाब में हो रहा वकीलों की ओर से ग्राम न्यायालय खोलने का विरोध

खन्ना 20 सितंबर। पूरे पंजाब में ग्राम न्यायालय खोलने के विरोध में वकीलों ने हड़ताल की। शुक्रवार को इस हड़ताल की वजह से यहां भी कोर्ट परिसर में कामकाज ठप रहा। जानकारी के मुताबिक खन्ना और फतेहगढ़ साहिब में एक हजार से अधिक केसों की सुनवाई नहीं हो सकी। इन केसों में अगली तारीख ही दी गई। वकीलों ने ग्राम न्यायालय का विरोध करते हुए इस फैसले को वापस लेने की मांग की।

गौरतलब है कि फतेहगढ़ साहिब में जिला बार एसोसिएशन है। यहां बारह अदालतें हैं, प्रत्येक अदालत में पचास से अधिक केस सुनवाई के लिए होते हैं। यहां जिला सेशन जज, अतिरिक्त जिला सेशन जज की अदालतें हैं। ऐसे में वकीलों की हड़ताल से कामकाज ठप रहा। केसों की सुनवाई के लिए वकील अदालतों में पेश नहीं हुए। जिसके चलते अगली तारीख ही डाली जा सकी।

इसी तरह खन्ना सब डिवीजन में तीन अदालतें हैं। हफ्ते में दो दिन शुक्रवार व सोमवार को फैमिली कोर्ट लगती है। आज के दिन ही वकीलों की हड़ताल से इस विशेष अदालत में भी काम ठप रहा। चार अदालतों में 500 से अधिक केसों की सुनवाई नहीं हो सकी।

सरकार के खिलाफ रोष जताया :

फतेहगढ़ साहिब बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट अमरदीप सिंह धारनी ने कहा कि सरकार न्याय प्रणाली को कमजोर कर रही है। जिसका नमूना ग्राम न्यायालय के रूप में पेश किया गया है। इससे वकीलों का हाल सब्जी बेचने वालों जैसा हो जाएगा। यह एक प्रकार से न्याय प्रणाली व वकीलों से मजाक है। इसे किसी कीमत पर सहन नहीं करेंगे। धारनी ने कहा कि सरकार आज ग्राम न्यायालय खोल रही है। कल को मोहल्ला न्यायालय खोल देगी। लोगों को सही न्याय नहीं मिलेगा।

ग्राम न्यायालय गांव में लोगों के लिए न्याय प्रणाली तक त्वरित और आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए स्थापित गांव की अदालतें हैं। भारतीय विधि आयोग ने अपनी 114वीं रिपोर्ट में नागरिकों को उनके घर के निकट न्याय तक किफायती और त्वरित पहुंच प्रदान करने के लिए ग्राम न्यायालयों की स्थापना का सुझाव दिया था। ग्राम न्यायालय विधेयक 22 दिसंबर, 2008 को संसद द्वारा पारित किया गया था। जबकि ग्राम न्यायालय अधिनियम 2 अक्टूबर, 2009 से लागू हुआ।

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