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मुद्दे की बात : सेबी चीफ बनाम आरोप-दर-आरोप

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कांग्रेस के नए आरोपों से और उलझता दिख रहा यह मुद्दा

एक बार फिर कांग्रेस ने भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड यानि सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच पर नए आरोप लगाए हैं। बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस प्रवक्ता पवन पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि सेबी चीफ बुच ने महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड, डॉ. रेड्डीज, पिडिलाइट, आईसीआईसीआई, सेम्बकॉर्प और विसू लीजिंग एंड फाइनेंस समेत कई कंपनियों से पैसा कमाया है।

कांग्रेस ने दावा किया कि बुच की सलाहकार कंपनी, अगोरा प्राइवेट लिमिटेड ने उनके पदभार संभालने के बाद परिचालन बंद कर दिया था। इसके बावजूद कंपनी ने काम करना जारी रखा और राजस्व अर्जित किया। इसके अलावा खेड़ा ने बताया कि अगोरा प्राइवेट लिमिटेड ने 2016 से 2024 के बीच 2.95 करोड़ रुपये कमाए। वहीं महिंद्रा एंड महिंद्रा, डॉ. रेड्डीज, पिडिलाइट, आईसीआईसीआई, सेम्बकॉर्प और वीआई अगोरा प्राइवेट लिमिटेड के कुछ सक्रिय ग्राहक हैं। कांग्रेस के मुताबिक अजीब बात है कि अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड को मिले कुल 2.95 करोड़ रुपये में से 2.59 करोड़ रुपये अकेले एक संस्था, महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह से आए हैं। यह अगोरा एडवाइजरी को मिले कुल पैसे का 88 प्रतिशत है।

खेड़ा ने आरोप लगाया कि माधबी पुरी और उनके पति के पास ‘अगोरा’ नामक एक कंपनी में 99 प्रतिशत हैं। जिसके बारे में कांग्रेस का मानना है कि यह उन कंपनियों से जुड़ी है, जो वर्तमान में सेबी की जांच के दायरे में हैं। अगस्त में हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि बुच ने अडाणी की विदेशी शेल कंपनी में निवेश किया था। जिसके बाद से प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस सेबी चीफ पर लगातार हमलावर रही है। कांग्रेस ने नया आरोप लगाया कि सेबी प्रमुख बुच की ‘अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी में उस समय 99 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जब यह परामर्शदाता कंपनी ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा’ समूह को सेवा प्रदान कर रही थी। मुख्य विपक्षी दल ने यह दावा भी किया कि माधवी के सेबी की पूर्णकालिक सदस्य रहते उनके पति धवल बुच को साल 2019-21 के बीच महिंद्रा एंड महिंद्रा से 4.78 करोड़ रुपये मिले। इसके साथ ही कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को माधवी की इस हिस्सेदारी के बारे में जानकारी थी ? रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि व्यक्तिगत लाभ से प्रेरित निर्णयों के संदर्भ में यह हैं हमारे ताज़ा खुलासे। जिसमें

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अडाणी समूह द्वारा किए प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघन की जांच कर रही सेबी प्रमुख ख़ुद सवालों के घेरे में हैं।

जयराम ने कहा कि हमारे सवाल सीधे नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री से हैं। जिन्होंने बुच को सेबी के सर्वोच्च पद पर नियुक्त किया। क्या प्रधानमंत्री को पता है कि बुच के पास अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड में 99 प्रतिशत हिस्सेदारी है और वह महिंद्रा एंड महिंद्रा सहित सूचीबद्ध कंपनियों से भारी शुल्क प्राप्त कर रही हैं ? क्या पीएम को बुच के इस विवादित इकाई से संबंध के बारे में जानकारी है ?’

आरोपों के जवाब भी मिले : महिंद्रा समूह ने बुच द्वारा उनसे पैसे लेने के कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया है। महिंद्रा समूह ने कहा कि उसने 2019 में धवल बुच को विशेष रूप से आपूर्ति शृंखला और सोर्सिंग में उनकी विशेषज्ञता के लिए नियुक्त किया था। उनके यूनिलीवर के वैश्विक मुख्य खरीद अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त होने के तुरंत बाद धवल बुच ने अपना अधिकतर समय ब्रिसलकोन में बिताया है। जो एक सब्सिडियरी और सप्लाई चेन कंसल्टिंग कंपनी है। महिंद्रा ग्रुप ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि बुच वर्तमान में ब्रिसलकोन के बोर्ड में हैं। धवल बुच, माधबी पुरी बुच के सेबी अध्यक्ष नियुक्त होने से लगभग 3 साल पहले महिंद्रा समूह में शामिल हुए थे। यह मुआवजा विशेष रूप से और केवल धवल बुच की आपूर्ति शृंखला विशेषज्ञता और प्रबंधन कौशल के लिए दिया गया। यह उनके (धवल बुच के) यूनिलीवर में उनके वैश्विक अनुभव पर आधारित है। महिंद्रा समूह का कहना है कि कांग्रेस की ओर से लगाए आरोपों में उल्लिखित सेबी के पांचों आदेश या अनुमोदन सही मायने में प्रासंगिक नहीं हैं। सेबी के पांच में से तीन अनुमोदन या आदेश कंपनी या उसकी किसी सहायक कंपनी से संबंधित नहीं हैं। एक फास्ट-ट्रैक राइट्स इश्यू से जुड़ा था, जिसके लिए सेबी से किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं थी। एक मार्च, 2018 में जारी किया गया आदेश था, जो धवल बुच के महिंद्रा समूह के साथ काम करना शुरू करने से बहुत पहले का था। हम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि हमने कभी भी सेबी से किसी भी तरह की तरजीह देने के लिए अनुरोध नहीं किया। महिंद्रा ग्रुप ने कहा कि हम कॉर्पोरेट प्रशासन के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हैं।

दवा कंपनी डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज ने भी स्टॉक फाइलिंग में कांग्रेस पार्टी के दावों पर प्रतिक्रिया दी। कंपनी ने कहा कि उसने सेबी प्रमुख के पति धवल बुच को फीस का भुगतान किया है। हालांकि किसी भी तरह के हितों के टकराव के आरोपों से कंपनी ने इनकार किया। कंपनी ने कहा कि हमारे संज्ञान में आया है कि एगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड के साथ हमारे जुड़ाव से संबंधित कुछ आरोप लगे हैं। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि अक्टूबर 2020 से अप्रैल 2021 तक सीमित अवधि के लिए, हमने 6,58,000 रुपये के कुल पारिश्रमिक पर नेतृत्व कोचिंग के लिए एगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड के धवल बुच की सेवाए ली थीं। कंपनी ने कहा, धवल बुच को हमारी कंपनी में कुछ लीडर्स को प्रशिक्षित करने के लिए भुगतान किया गया और यह पारिश्रमिक अन्य प्रशिक्षकों के अनुरूप ही था। यह कार्य माधबी बुच के सेबी अध्यक्ष के रूप में काम शुरू करने के काफी पहले शुरू हुआ और समाप्त हुआ। ऐसा कोई भी आरोप लगाना कि सेबी से मदद ली गई, निराधार और दुर्भावनापूर्ण होगा।

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