बारिश की पहली फुहार से झील बन जगराओं शहर
चरणजीत सिंह चन्न
जगराओं, 29 अगस्त :-मानसून सीजन की पहली बारिश से ही सड़कों पर कई फीट पानी जमा हो गया और नगर परिषद के दावों की हवा निकल गयी। सुबह तीन बजे से लगातार हो रही बारिश से जगराओं के बाजार झांसी रानी चौक से लेकर जगराओं के म्यूनिसिपल पार्क, नगर परिषद कार्यालय, सदन मार्केट, कमल चौक, सब्जी मंडी चौक, स्वामी रूप चंद जैन स्कूल का इलाका पूरी तरह से पानी में डूब गया, जिसके कारण इन बाजारों में दुकानदारों को अपनी दुकानें बंद रखनी पड़ी और आम जनता का बाजारों से गुजरना मुश्किल हो गया। शहर के भीतरी इलाकों में रहने वाले लोगों को बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। इन इलाकों के अलावा शहर का व्यवसायिक केंद्र मानी जाने वाली पुरानी दाना मंडी में भी पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण कई फुट तक पानी भर गया और बाजार के दुकानदारों व गरीबों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मजदूर व फुटपाथ दुकानदार नगर परिषद के अधिकारियों व नेताओं को कोसते हुए दिहाड़ी टूटने से खाली हाथ अपने घर लौट गये। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने नगर परिषद की खराब सफाई व्यवस्था के कारण सड़कों पर पानी भरने को लेकर नेताओं और अधिकारियों की काफी मजाकिया अंदाज में आलोचना की।
सड़कों पर पानी क्यों जमा रहता है:-जगराओं की मुख्य सड़कों परपिछले कई दशकों से जल भराव की समस्या बनी हुई है, जिसे मुद्दा बनाकर हर नेता वोट हासिल करता है और फिर इस मुद्दे को सुलझाने की जहमत उठाता है। इसके कई कारण हैं, सबसे पहले क्षेत्र नीचा है और जल निकासी चैनल और संकीर्ण हो गया है। जिसके कारण पानी उतरने में कई घंटे लग जाते हैं। सबसे बड़ी बात तो यह कि खुदादी मार नगर परिषद ने नालों की सफाई ठीक से नहीं की। जिससे जल निकासी की गति कम हो गयी है। दूसरे सरकार द्वारा प्रतिबंधित प्लास्टिक थैलियों का जगराओं में व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है और यह नालों को अवरुद्ध करने का सबसे बड़ा कारण है। भले ही सरकार ने नगर परिषदों को प्रतिबंधित प्लास्टिक लिफाफों पर रोक लगाने के लिए सख्ती बरतने के आदेश दिए हैं। लेकिन नगर परिषद के अधिकारी इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं देते हैं जिसके कारण प्लास्टिक का लिफाफा सड़कों पर लुढ़कता नजर आता है और जब सड़कों पर पानी जमा हो जाता है तो यह प्लास्टिक का लिफाफा पानी के साथ बहकर नाली में बड़ा रोक देता है। तीसरा कारण यह है कि दुकानदारों ने नालियों के ऊपर थड़ा बना रखी है, जिसके कारण नगर परिषद के कर्मचारियों को नालियां साफ करना मुश्किल हो रहा है और सड़कों पर पानी जमा होने का यह भी एक बड़ा कारण है।