दुनिया तेजी से आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI) की तरफ बढ़ रही है, लेकिन इसी रफ्तार की वजह से एक बड़ी टेंशन भी सामने आ रही है| एक्सपर्ट्स का कहना है कि, आने वाले समय में स्मार्टफोन, लैपटॉप और बाकी इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की कीमतें बढ़ सकती हैं, क्योंकि एआई की बढ़ती डिमांड ने सप्लाई चेन पर भारी प्रेशर डाल दिया है|
दुनिया भर की बड़ी टेक कंपनियां एआई डेटा सेंटर्स पर अरबों रुपए खर्च कर रही हैं| इन सेंटर्स को चलाने के लिए एनवीडिया की हाई-एंड जीपीयू चिप्स की जरूरत होती है, और ये चिप्स कई दूसरे कंपोनेंट्स पर भी डिपेंड करती हैं| बैन एंड कंपनी के पार्टनर पीटर हैनबरी के मुताबिक, एआई की अचानक बढ़ी डिमांड ने सप्लाई चेन को हिला दिया है|
एचडीडी से लेकर डेआरएम मेमोरी तक, कई जरूरी कंपोनेंट्स की कमी साफ दिखाई दे रही है| अलीबाबाके सीईओ एडी वू ने भी चेतावनी दी है कि सेमीकंडक्टर्स, मेमोरी चिप्स और स्टोरेज डिवाइसेस की कमी अब 2–3 साल तक चल सकती है|
एनवीडिया अब अपनी एआई चिप्स में एलपीडीडीआर मेमोरी का इस्तेमाल बढ़ा रही है, जिसे अभी तक मोबाइल कंपनियां, जैसे सैमसंग और एप्पल यूज़ करती थीं| पहले इस मेमोरी की डिमांड सिर्फ कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स से आती थी, लेकिन अब एनवीडिया के शामिल होने से मांग अचानक बहुत बढ़ गई है|
कॉउंटरपॉइंट रिसर्च के डायरेक्टर एम.एस. ह्वांग के अनुसार, एनवीडिया यह कदम ऐसा है जैसे एक नया बड़ा स्मार्टफोन ब्रांड मार्केट में आ गया हो, और मौजूदा सप्लाई चेन इतनी ज्यादा मांग को आसानी से हैंडल नहीं कर पाएगी|
