बेंगलुरु में पिछले 3 सालों में साइबर क्राइम के केस डरावनी स्पीड से बढ़े हैं। जनवरी 2023 से 31 अक्टूबर 2025 तक शहर में 44,177 साइबर क्राइम केस दर्ज किए गए और इनमें लोगों को करीब ₹4,143 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा। मोनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में जहां नुकसान ₹681 करोड़ था, वहीं 2024 में ये बढ़कर ₹1,996 करोड़ हो गया। मतलब लगभग 3 गुना ज्यादा।
इस बढ़ोतरी के पीछे सबसे ज़्यादा केस इन्वेस्टमेंट स्कैम, फिशिंग, ऑनलाइन पेमेंट फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट स्कैम के रहे।
2025 में भी हालात ठीक नहीं हैं। सिर्फ पहले 10 महीनों में ही ₹1,466 करोड़ का नुकसान रिकॉर्ड हुआ। 14 नवंबर को एक 57 साल की महिला आईटी प्रोफेशनल ने केस दर्ज करवाया कि वह 6 महीनों में डिजिटल अरेस्ट स्कैम में ₹31.83 करोड़ गंवा चुकी हैं। कर्नाटक में किसी एक व्यक्ति के साथ ये अब तक का सबसे बड़ा साइबर फ्रॉड है।
पुलिस के मुताबिक अपराधी आजकल म्यूल अकाउंट्स का इस्तेमाल करते हैं। ये अकाउंट आम लोगों के होते हैं जिन्हें बहाना बनाकर इस्तेमाल किया जाता है। एक अधिकारी ने बताया कि साइबर फ्रॉड में “गोल्डन ऑवर ” बहुत जरूरी होता है। अगर शिकायत देर से दर्ज हो, तो पैसा कई अकाउंट्स में घूम जाता है और वापस पाना मुश्किल हो जाता है। 3 साल में पुलिस ने 1,348 लोगों को गिरफ्तार किया।
हालांकि, सिर्फ 7% पैसा ही रिकवर हो पाया है क्योंकि कई गैंग देश के बाहर से ऑपरेट करते हैं। पुलिस ने लोगों से रिक्वेस्ट की है कि अगर साइबर फ्रॉड हो जाए तो तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करें, ताकि पैसा रिकवर होने का चांस बढ़ सके।
