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पुलिस का मतलब लापरवाही,हाईकोर्ट ने पैडिंग पडे पंजाब हरियाना से 68514 मामलों की रिर्पोट की तलब

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चंडीगढ/यूटर्न /26 मई: पुलिस चाहे किसी भी राज्य की क्यों ना हो एक बात की समानता है या इसे ट्रेनिंग कहा जाये पुलिस लापरवाही जरूर करती है,चाहे उनकी लापरवाही से अदालतों में पैंडिंग पडे केसों में आरोपी जेल में ही क्यों ना बैठे रहे। कई मामले तो ऐसे भी सामने आ चुके है,जिसमें सजा कम वर्ष की होती है,लेकिन जेल के अंदर बैठे आरोपी दोगुणा सजा पा लेता है,क्योंकि केसों का निपटारा ही नही हो पाता,इस समय देश की अदालतों में 5 लाख से अधिक केस पैडिंग पडे है। हरियाणा व पंजाब में 68514 मामले ऐसे हैं, जहां कैंसिलेशन रिपोर्ट तैयार होने के बावजूद इसे अदालत में नहीं सौंपा गया है। ऐसे में इन मामलों के आरोपियों के अनावश्यक उत्पीडऩ को देखते हुए हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों को सभी मामलों में इलाका मजिस्ट्रेट के समक्ष कैंसिलेशन रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। याचिका दाखिल करते हुए गुरनाम सिंह ने धोखाधड़ी के मामले में 2013 में दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने पाया कि इस मामले में कैंसिलेशन रिपोर्ट 2017 में तैयार कर ली गई थी, लेकिन इसे अदालत में पेश नहीं किया गया। हाईकोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। हाईकोर्ट ने इस मामले पर हैरानी जताते हुए कहा कि सात साल पहले कैंसिलेशन रिपोर्ट तैयार होने के बावजूद इसे दाखिल नहीं किया गया। अब याची को उत्पीडऩ और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस मामले का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा व पंजाब को ऐसे सभी मामलों का ब्योरा सौंपने का आदेश दिया था, जिसमें कैंसिलेशन रिपोर्ट तैयार होने के छह माह बाद भी अदालत में पेश नहीं की गई। हरियाणा की ओर से एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, क्राइम ममता सिंह ने हलफनामा सौंपते हुए बताया कि ऐसे 64183 मामले अभी लंबित हैं। पंजाब सरकार की ओर से असिस्टेंट इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन, लिटिगेशन सरबजीत सिंह ने बताया कि 4331 ऐसे मामले अभी लंबित हैं, जिसमें कैंसिलेशन रिपोर्ट तैयार है, लेकिन अभी इलाका मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया जा सका है। हाईकोर्ट ने इतनी बड़ी संखया में ऐसे लंबित मामलों पर कहा कि पुलिस विभाग की लापरवाही के चलते लोगों को अनावश्यक उत्पीडऩ का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों को आदेश दिया है कि इन सभी मामलों में इलाका मजिस्ट्रेट के सामने जल्द से जल्द कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल कर दी जाए।
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