लोकसभा चुनाव 2024 के छह चरण खत्म हो चुके हैं। आखिरी चरण में 1 जून को 8 राज्यों की 57 सीटों पर वोटिंग होनी है। इसमें पंजाब की सभी 13 सीटें शामिल हैं। हालांकि पंजाब की बाजी अपने नाम करना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के सभी नेताओं ने अबकी बार 400 पार का नारा दिया है। जाहिर है कि बीजेपी को अपनी जीत पर पूरा भरोसा है। मगर पंजाब का चुनावी मैदान जीतना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा।
पंजाब में पिछले कई सालों से आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार है। राजधानी दिल्ली में जहां आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का महागठबंधन देखने को मिल रहा है तो वहीं पंजाब में दोनों पार्टियां एक-दूसरे को टक्कर देती नजर आ रही हैं। इसके अलावा पंजाब में मायावती ने भी बसपा के उंमीदवार उतारे हैं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की स्थिति हमेशा से पंजाब में मजबूत रही है। ऐसे में तीन बड़े दलों को हराकर वोट खींचना बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल साबित हो सकती है।
क्या रणनिति बनाई कांग्रेस व आप ने
पहले बात करते है भाजपा की तो प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिन पंजाब में रहे,उनके जाते ही राहुल गांधी सचिन पायलट पंजाब में आये और राहुल ने तो अमृतसर में रैली कर भाजपा पर ऐसे तंज कसे कि भाजपा के पास राहुल के स्वालों के जवाब तक नही है। इसके अलावा राहुल की रैली में भीड इस कदर थी कि लोग मोदी की रैली को भूल ही गये कि वह क्या क्या आरोप लगा कर गये है। वहीं मोदी की रैली में लोगों ने खासकर लेबर कलास ने यह आरोप लगाये कि उनको 400 रूपए दिहाडी पर नेता लेकर गये थे,रैली होने के बाद अब नेता उनके फोन तक नही उठा रहे।इसके अलावा कांग्रेस ने भाजपा के बडे नेता के पंजाब आने के बाद दूसरे दिन अपने बडे नेता को मैदान में उतारने की रणनीति तैयार की है तांकि लोगों को पता चल सके कि भाजपा वाले कितना झूठ कितनी बार बोलते है।
यही आलम है आप में भी
जितने बडे नेता भाजपा से पंजाब में आये उनसे पहले ही केजरीवाल यहां आकर भाजपा की सारी पोल खोलकर गये है,अब जब भाजपा के सभी नेता होकर चले जायेगें तो केजरीवाल दोबारा आकर पंजाब में चुनाव प्रचार करेगें तांकि भाजपा का कोई नेता वापिस आ ही ना सके। अगर भाजपा पंजाब की बात की जाये तो कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सेहत खराब होने के कारण रैलियों में नही जा पाये व इसके अलावा कोई और नेता इतना असरदार नही है कि वह भाजपा की तरफ लोगों का रूख मोड सके,दूसरी और ग्रामीण इलाकों में किसानों ने मोर्चा संभाला हुआ है,वह भाजपाई नेताओं को गांवों में घुसने नही दे रहे तथा भाजपाई अब किसानों को धमकियां तक देने लगे है,जिसका भी उल्टा प्रभाव भाजपा पर ही पडने वाला है।
कांग्रेस आप के नही गठबंधन के खाते में जायेगी जीती सीटें
जिस प्रकार पंजाब में कांग्रेस,अकाली दल,आप ,भाजपा व बसपा अकेले चुनाव लड रहे है,यह मुकाबला पांच कौना हो गया है। इसमें सबसे अधिक असर सभी पार्टियों के लिये शहरों से वोटों के बंटवारे पर पडेगा। अगर अकाली दल की बात की जाये तो वह कभी बसपा के साथ व कभी भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लडता था,जिस कारण क्यास लगाये जा रहे है, कि भाजपा,बसपा व अकाली दल वोट काट्टू पार्टी बन गया है। इन तीनों दलों को अगर एक एक सीट आ भी जाये तो बाकी 10 सीटें जो जीती जायेगी वह इंडिया गठबंधन में ही जायेगी। राजनितक माहिर बताते है कि ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस का कोई विरोध नही है,वहीं कांग्रेस की स्थिति और तगडी हुई है,क्योंकि कांग्रेस ने किसानों को एमएसपी की गारंटी कानून देने की गारंटी दी है। जिससे अकाली दल,आप व बसपा को भी ग्रामीण इलाकों में कम ही वोट मिलने की संभावना है। राजनितक माहिर बताते है कि कांग्रेस को 7 सीटें,आप को तीन सीटे,एक सीट बसपा को तो दो सीट अकाली दल को मिलने की संभावना है। बाकी सारा कुछ 4 जून को सामने आजायेगा कि कौन कितने पानी में है।
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जीत की हूंकार भरने वाली भाजपा के साथ कांग्रेस व आप पंजाब में कर सकती है,खेला
Kulwant Singh
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