डॉ. बलबीर सिंह द्वारा ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ के तहत ‘लीडरशिप इन मेंटल हेल्थ’ कार्यक्रम की शुरुआत

Rivanshi
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प्रदेश में नशों के पूर्ण उन्मूलन के लिए चल रही मुहिम ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ की सफलता के साथ-साथ नशों के खिलाफ जंग को और तेज करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने शुक्रवार को ‘लीडरशिप इन मेंटल हेल्थ प्रोग्राम’ की शुरुआत की। यह नशीले पदार्थों के दुरुपयोग को कम करने और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए देश की पहली समर्पित अग्रणी पहल है। यह अग्रणी पहल पंजाब स्वास्थ्य विभाग, डॉ. बी.आर. अम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज मोहाली और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टी.आई.एस.एस.) मुंबई के सहयोग से संचालित संयुक्त प्रयास है।

इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि यह फेलोशिप भारत और विश्व भर के 35 मनोचिकित्सकीय पेशेवरों को पंजाब के सभी 23 जिलों में नशा रोकथाम, उपचार और पुनर्वास सेवाओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर देगी। उन्होंने कहा, “केवल एक स्वच्छ पंजाब ही रंगला पंजाब हो सकता है। बढ़ते नशे के प्रकोप से निपटने के लिए, पंजाब को योग्य अगुवाई करने के लिये कुशल और हमदर्द युवाओं की जरूरत है।”

कार्यक्रम की संरचना के बारे में बताते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि दो साल की यह फेलोशिप नए पेशेवरों को डेटा इंटेलिजेंस एंड टेक्निकल सपोर्ट यूनिट में काम करने का अनूठा अवसर प्रदान करेगी, जो पंजाब में नशीले पदार्थों के खिलाफ एक व्यापक दृष्टिकोण का नेतृत्व कर रही है। इस पहल का हिस्सा बनने वाले फेलो पेशेवर अपनी तैनाती से पहले टी.आई.एस.एस. मुंबई द्वारा आयोजित दो सप्ताह के व्यापक इंडक्शन प्रोग्राम से गुजरेंगे।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की मानसिक स्वास्थ्य देखभाल को संस्थागत बनाने की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा, “‘लीडरशिप इन मेंटल हेल्थ प्रोग्राम’ की शुरुआत पंजाब के हर व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए सरकार के प्रयासों और प्रतिबद्धता को पूरी तरह स्पष्ट करती है। शारीरिक गतिविधियों से लेकर राज्य की मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने तक की अनूठी फेलोशिपों के माध्यम से हम पंजाब के लोगों को सुलभ और संवेदनशील स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं।”

इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि 35 फेलो पेशेवरों में से 23 को प्रत्येक जिले में 10 फेलो को पांच क्लस्टर रिसोर्स सेंटरों में और दो को मोहाली स्थित डीआइटीएसयू मुख्यालय में तैनात किया जाएगा।

फेलोज़ को 60,000 रुपये मासिक मेहनताना मिलेगा तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे में विशेष प्रशिक्षण, सलाह और व्यावहारिक अनुभव से लाभ मिलेगा।

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