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लुधियाना में कांग्रेस का पंजा जमा रहेगा या भाजपा का कमल खिलेगा

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(लुधियाना/ 15 मई): पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से लुधियाना व जालंधर लोकसभा सीट का खास महत्व है। लुधियाना और जालंधर यह देश की प्रसिद्ध औद्यौगिक नगरी तो है ही इसको देश का मैनचेस्टर भी कहा जाता है। लुधियाना में 9 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इस क्षेत्र पर लंबे अरसे तक लोधी शासकों का शासन रहा इसलिए इसका नाम लोधी वंश के नाम से पड़ा है और उन्हीं ने सतलुज नदी के किनारे इसको बसाया था। लुधियाना लोकसभा क्षेत्र में लुधियाना पूर्वी, लुधियाना दक्षिण, अतम नगर, लुधियाना सेंट्रल, लुधियाना पश्चिम, लुधियाना उत्तर, गिल्ल (आरक्षित), दाखा और जगरांव (आरक्षित) है। यदि कुल मतदाताओं की बात जाए तो लुधियाना में 17 लाख 58 हजार 614 वोटर हैं। इनमें से 9 लाख 37 हजार 94 पुरुष तो 8 लाख 21 हजार 386 महिलाएं हैं। 134 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं। फिलहाल इस लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वाडिंग, भाजपा के रवनीत बिट्टू, आम आदमी पार्टी के अशोक पराशर पप्पी और शिरोमणि अकाली दल के रंजीत ढिल्लो के बीच मुकाबला है। चारों उमीदवार बाहरी हैं और दल बदली के मुद्दे को लोगों के बीच लेकर जा रहे हैं। राहुल गांधी के 2 खासमखास आमने-सामने लुधियाना पंजाब की सबसे बड़ी हॉट सीट कही जा सकती है। इस सीट से मुकाबला काफी रोचक है और इसमें राहुल गांधी के एक मौजूदा और पूर्व खासमखास आमने सामने हैं। एक हैं रवनीत बिट्टू, जिनको राहुल गांधी ने 2008 में यूथ कांग्रेस का चुनाव लड़ा कर 2009 में कांग्रेस का टिकट देकर एमपी बनाया था। दूसरे हैं अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, जो पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और बिट्टू के सामने कांग्रेस उमीदवार के तौर पर हैं। दोनों साल 2008 में यूथ कांग्रेस का चुनाव आमने-सामने लड़ चुके हैं। बिट्टू उस समय यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बन गए थे। अब किस्मत ने दोनों को 16 साल बाद फिर से आमने-सामने खड़ा कर दिया है। बस अंतर इतना है कि बिट्टू भाजपा के उंमीदवार बन चुके हैं और हाथ के बजाय कमल के फूल को प्राथमिकता दे रहे हैं। वहीं जालंधर की बात की जाये तो कांग्रेस की तरफ से चरणजीत सिंह चन्नी पूर्व सीएम व दलबदलु नेता सुशील रिंकू भाजपा से प्रत्याशी है।राष्ट्रीय मुद्दे व दलबदली हो रहा प्रभावी इन लोकसभा सीट पर लोकल मुद्दे राष्ट्रीय मुद्दों पर हावी होते हुए दिखाई दे रहे हैं। गद्दार-खुद्दार की बात हो रही है। बाहरी उंमीदवारों की बात हो रही है। उंमीदवारों की विधानसभा में चुप्पी पर सवाल उठाए जा रहे हैं। एक-दूसरे पर जोरदार ढंग से राजनीतिक हमले किए जा रहे हैं। तीन उंमीदवारों का इतिहास कांग्रेस से जुड़ा रहा है और तीनों को एक-दूसरे के बारे में पूरा ज्ञान है। ये तीन प्रत्याशी हैं राजा वारिंग, अशोक पप्पी और बिट्टू।
बिट्टू बोले- अब ही खुलकर सांस ले पा रहा हूं भाजपा में शामिल हुए रवनीत बिट्टू से खुलकर चुनाव प्रचार के दौरान बात की तो उन्होंने कहा कि खुली हवा में तो अब ही सांस ले पा रहा हूं। बिट्टू ने खुलकर गांधी परिवार पर कई तरह के गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी तो किसी से मिलते ही नहीं। किसी भी एमपी से पूछ लो कांग्रेस में तीन तरह के ग्रुप काम कर रहे हैं। एक सोनिया गांधी का, एक राहुल गांधी का और एक प्रियंका गांधी का । रवनीत बिट्टू ने राजा वारिंग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह तो भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं और इसीलिए मुखयमंत्री के पैर पकड़ कर माफी मांगी थी।

राजा वारिंग ने साधा बिट्टू पर निशाना
उधर राजा वारिंग ने भी अपनी चुनावी मुहिम को तेज कर दिया है। लुधियाना में जगह-जगह जाकर वह बैठकें कर रहे हैं और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं। साथ ही वह रवनीत बिट्टू को निशाने पर लेने से कोई भी परहेज नहीं कर रहे हैं। वहीं बैंस बंधुओं के कांग्रेस में आने के बाद कांग्रेस की स्थिति मजबूत हुई है,क्योंकि पिछले चुनाव में भी बैंस को करीब 3 लाख मत प्राप्त हुए थे। राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री बिट्टू को आंखो का तारा बना कर लाए हैं उनका उससे ही मुकाबला है। राजा वायरिंग बिट्टू के फोन न उठाने को भी चुनावी मुद्दा बनने की कोशिश कर रहे हैं। राजा ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस की अच्छी हवा चल रही है। कांग्रेस के खिलाफ बिट्टू के आरोपों को लेकर राजा वारिंग ने कहा कि जिस पार्टी ने इतना कुछ दिया है उस पार्टी के बारे में न बोलें।
आप और अकाली दल का कैसा है हाल
आम आदमी पार्टी के उंमीदवार अशोक पराशर पप्पी ने कहा की हमारी कैंपेन अच्छी चल रही है। आम आदमी पार्टी पंजाब में 13 लोकसभा सीटें जीतने जा रही है। बता दें कि पप्पी, राजा वारिंग के विधानसभा में न बोलने के आरोप लगाए जाने पर गुस्से में है। उन्होंने चैलेंज दिया कि एक चैनल पर ही बैठ कर इस मुद्दे पर बहस कर लें कि वो विधानसभा में बोले हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि जो हारेगा वह पंजाब छोड़ देगा। मैं असल पंजाबी हूं, विधानसभा में पांच बार बोला हूं। शिरोमणि अकाली दल के उमीदवार रंजीत ढिल्लो पहले लुधियाना में पार्षद और फिर विधायक रह चुके हैं। वह अपने आप को लुधियाना का असली वारिस कहते हैं। उन्होंने कहा कि अब लोगों को बेअदबी के कारण का पता चल गया है।

तथाकथित लोगों के मुंह बंद हो चुके हैं। यह सब उस समय अकाली दल के खिलाफ साजिश थी। 1 जून को पंजाब के लोग इन पार्टियों को सबक सिखाएंगे। यह ऐतिहासिक तारीख है क्योंकि इसी तारीख को श्री दरबार साहिब पर फौज ने हमला करवाया गया था।

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