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दिल्ली में दो फाड़ होगी कांग्रेस! चिंगारी की तरह भड़क सकती है लवली के इस्तीफे की आग

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नई दिल्ली/29 अप्रैल।
आम आदमी पार्टी (आप) से गठबंधन, बाहरी उम्मीदवारों के चयन और प्रदेश प्रभारी की मनमानी को लेकर पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान के बाद अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली का इस्तीफा चिंगारी की तरह है। यह आग अभी बुझने वाली नहीं है, बल्कि अभी और भड़केगी।
खुद अरविंदर सिंह लवली का कहना है कि वह पार्टी नेताओं एवं कार्यकतार्ओं से राय-मशविरा कर आगे की रणनीति तय करेंगे। हालात तो बयां कर रहे हैं कि दिल्ली में पार्टी दो फाड़ भी हो सकती है।
इसमें कोई शक नहीं है कि 31 अगस्त 2023 को प्रदेश कांग्रेस की कमान लवली को सौंपे जाने से पहले पिछले करीब ढाई-तीन साल में पार्टी एकदम हाशिये पर चली गई थी, लेकिन लवली के मोर्चा संभालने के बाद पार्टी एक बार फिर खड़ी होनी शुरू हुई। घर बैठे हुए सभी नेता भी सक्रिय होने लगे।
दिल्ली के रण में दोबारा से त्रिकोणीय मुकाबने की स्थिति बनने लगी, लेकिन आप से गठबंधन के आलाकमान के एक निर्णय ने दूध के उबाल पर पानी के छींटे मारने वाला काम ही किया है। इसके बाद अपरोक्ष रूप से दिल्ली की सात में से छह सीटें छोड़ देना पार्टी कार्यकतार्ओं को नागवार गुजरा।
प्रदेश इकाई की अनदेखी कर रहे उदित राज
इस पर भी हैरत की बात यह कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली से पार्टी उम्मीदवार कन्हैया कुमार एवं उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से उम्मीदवार उदित राज लगातार प्रदेश इकाई की अनदेखी करते हुए पार्टी नेताओं और कार्यकतार्ओं को आहत करने वाले बयान दे रहे हैं।
मालूम हो कि कन्हैया कुमार ने अपने संसदीय क्षेत्र में जो होर्डिंग्स लगवाए हैं, उनमें लवली क्या, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तक का फोटो नहीं है, जबकि सीएम अरविंद केजरीवाल का फोटो लगाया गया है। कन्हैया शीला सरकार की उपलब्धियों को दरकिनार कर केजरीवाल का बखान भी खूब कर रहे हैं।
पिछले हफ्ते उदित राज कांग्रेस को चार प्रतिशत वोट पर सिमटने वाली पार्टी कहते नजर आए थे। इससे पार्टी के पुराने नेताओं का आक्रोश और भड़क रहा है। बाबरिया का व्यवहार आग में घी का काम कर रहा है। इससे लवली के सब्र का पैमाना छलक उठा।
आलम यह कि रविवार को लवली के घर करीब 30 पूर्व विधायक पहुंचे हुए थे, तो पार्टी नेताओं और कार्यकतार्ओं द्वारा आलाकमान को बाबरिया के खिलाफ 200 से अधिक ईमेल भी भेजे गए हैं। शीला सरकार में मंत्री रहे राजकुमार चौहान ने कहा कि ह्लदिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया को दिल्ली से हटाएं और कांग्रेस को बचाएं।ह्व
लवली ने जो कहा, उस पर ध्यान देने की जरूरत- संदीप दीक्षित
शीला दीक्षित के बेटे और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि, ह्लएक पार्टी कार्यकर्ता और प्रदेश इकाई के प्रमुख के रूप में लवली के इस्तीफे का मुझे व्यक्तिगत तौर पर दुख है। मुझे लगता है कि लवली ने जो कहा, उस पर ध्यान देने की जरूरत है।ह्व पूर्व विधायक नीरज बसोया ने कहा, ह्ललवली ने कांग्रेस कार्यकतार्ओं की भावनाओं को देखकर इस्तीफा दिया है। बाबरिया की कार्यशैली ने दिल्ली हो या हरियाणा, हर जगह समस्याएं पैदा कर दी हैं और सभी कार्यकर्ता नाराज हैं।ह्व
ह्यइस्तीफा तो बाबरिया का होह्ण
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन के पूर्व मुख्य मीडिया कोआॅर्डिनेटर और आॅल इंडिया शिया पर्सन ला बोर्ड के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मेहदी माजिद ने भी लवली के इस्तीफे पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि इस्तीफा तो दीपक बाबरिया का होना चाहिए, जिन्हें दिल्ली की राजनीति की समझ ही नहीं है। अब कार्यकतार्ओं का मनोबल गिरेगा।
ह्यलवली के बातों से सहमत हूंह्ण
एआइसीसी सदस्य ओमप्रकश बिधूड़ी ने कहा कि लवली ने इस्तीफा देने के जो कारण बताए हैं, वो सभी सत्य हैं और मैं भी उन सभी कारणों से सहमत हूं। आम आदमी पार्टी से गठबंधन करना बहुत घातक फैसला है, जो नेता या पार्टी कांग्रेस के विरुद्ध बोल-बोल कर सत्ता में आई, ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन करने का क्या मतलब था।

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