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पंजाब लोक सभा चुनाव:कांग्रेस की पांच सीटों पर फंसा पेच,हाईकमान ने एक सीट पर दो दावेदारों के मांगे नाम

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(पंजाब/यूटर्न 24 अप्रैल): पंजाब कांग्रेस में थोक के भाव दलबदली होने के बावजूद नेता इतने है कि हाई कमान को डर सता रहा है कि कहीं फिर से कांग्रेस में गुटबाजी का नुकसान चुनावों में ना हो , यही कारण है कि पंजाब कांग्रेस की 5 सीटों पर अभी तक पेच फंसा हुआ। इसको लेकर पार्टी मंथन में जुटी हुई है। उंमीद जताई जा रही है कि 27 तारीख से पहले यह सूची भी जारी कर दी जाएगी। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की तरफ से हर हलके से चार-चार दावेदारों के नाम भेजे गए थे। कांग्रेस के सूत्रों से पता चला है कि केंद्रीय कमेटी की तरफ से अब दो-दो दावेदारों के नाम मांगे हैं। इन्हीं में से नाम को फाइनल किया जाना है। इसके अलावा पार्टी गत समय में करवाए गए सर्वे को भी आधार बना रही है। हालांकि पार्टी प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग पहले ही दावा कर चुके हैं कि लोकल और मजबूत चेहरे ही पार्टी का उंमीदवार बनाए जाएंगे।
इन नामों को लेकर चल रहा मंथन
सूत्रों के मुताबिक लुधियाना से भारत भूषण आशु व जोगिंदर पाल पांडे के बेटे को टिक्ट के लिये दावेदार बताया गया है। राणा गुरजीत सिंह व उनके बेटे इंद्रपीत सिंह को लोकसभा हलका श्री आनंदपुर साहिब या खडूर साहिब से टिकट मिलना तय हैं। राणा अपने बेटे को चुनावी मैदान में उतारने के इच्छुक है। हालांकि राणा श्री आनंदपुर साहिब में ज्यादा दिलचस्पी भी दिखा रहे हैं। वहीं, हिंदू चेहरे को भी टिकट देने की बात कहीं जा रही है। ऐसे में पूर्व मंत्री विजय इंद्र सिंगला की दावेदारी मजबूत हो रही है। गुरदासपुर से विधायक बरिंदरजीत सिंह पहाड़ा व पूर्व मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा का नाम चल रहा है। हालांकि सुखजिंदर सिंह रंधावा भी मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। इसके अलावा पूर्व विधायक अमित विज और नरेश पुरी भी टिकट की दौड में शामिल है। फिरोजपुर को लेकर भी कांग्रेस मंथन में जुटी हुई है।
जहां प्रत्याशी तय वहीं पर खेमेबाजी व हुआ विरोध
कांग्रेस की हालत यह है कि कांग्रेस को कोई दूसरा नही हरा सकता जबकि कांग्रेस की अंदरूनी कलह ही हरा देती है। पिछले विधानसभा चुनावों की बात करे तो दलबदली में गये नेता विधायक बन गये,जबकि जो जीत कांग्रेस की दिख रही थी,उसमें कांग्रेस धरातल तक पहुंच गई,चंद चेहरे ही जीत पाये। अब जब लोक सभा चुनावों में हाईकमान ने 8 उमींदवार तय कर दिये है तो हर जगह उमींदवारों को विरोध हो रहा है,जैसे कि चंडीगढ तथा पटियाला में तो सरेआम विरोध व विरोधी खेमा मीटिंगें कर उमींदवारों को पटखनी देने की रणनिति तय करने में लगा हुआ है।

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