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रवनीत बिट्टू की दलबदली से कांग्रेस में भूचाल,नेता कोसने लगे बिट्टू को,दोस्त भी देने लगे नसीहतें

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(लुधियाना/यूटर्न 27 मार्च): कांग्रेस के सांसद रवनीत बिट्टू के भाजपा में जाने के बाद कांग्रेस में भूचाल जैसी स्थिति बनी हुई है,जो कभी बिट्टू से दोस्ती का दम भरते थे,अब तो उन लोगों ने भी बिट्टू की निंदा करते हुए लोगों से अपील की है कि जो अपनी मां पार्टी का सगा नही,उसे उसकी हैसियत चुनाव में दिखाई जाये,ऐसा नेता कभी लोगों का भी सगा नही हो सकता,यह नेता मौका प्रसती की राजनिति कर रहा है। इस सबंध में वरिष्ठ नेताओं ने खूब भडास निकाली है।
हमें अफसोस नहीं, शांति मिली है: बाजवा
लोकसभा चुनाव से पहले पंजाब में कांग्रेस को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। सांसद रवनीत सिंह बिट्टू कांग्रेस छोडक़र बीजेपी में शामिल हो गए हैं। उनके बीजेपी में शामिल होने पर नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि हमें एक मिनट भी इसके जाने का अफसोस नहीं हुआ। कुछ लोगों के जाने का हमें पहले अफसोस हुआ था। लेकिन, इनके जाने का नहीं हुआ. इनके जाने से तो हमें शांति मिली है। प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि लोग पहले ही समझते थे कि कैसे इनको जवाब दे दिया जाए, हमें तो ये मौका भी नहीं मिला, खुद ही भागकर छोड़ गए बहुत अच्छा हुआ चले गए। पूर्व मुखयमंत्री स्वर्गीय बेअंत सिंह जहां भी बैठे हैं वो अपने पोते (रवनीत बिट्टू) के इस कदम पर क्या सोचते होंगे।
आपने अपने हाथ से अपनी गर्दन काट ली
कांग्रेस नेता ने कहा कि रवनीत सिंह बिट्टू को मैं इतना कहना चाहूंगा कि आपने जो कदम उठाया है, उसके हिसाब से आपने अपने हाथ से अपनी गर्दन काट ली। उन्होंने कहा कि अब मुझे यकीन है कि ये बीजेपी की तरफ से इलेक्शन लड़ेंगे। लेकिन, पंजाब के लोग गद्दारी करने वाले लोगों को कभी माफ नहीं करेंगे। इसका रिजल्ट इसी लोकसभा चुनाव में इनको मिल जाएगा। बिट्टू को लेकर बाजवा ने कहा कि कल तक तो आप रैली कर रहे थे, कांग्रेस के हक की बात कर रहे थे। कम से कम आपमें दम होता तो बताकर तो जाते कि मैं जा रहा हूं। सुबह पता चला कि आप तो बीजेपी की स्टेज पर बैठे हुए हो। इससे अफसोसनाक बात क्या हो सकती है। रवनीत सिंह बिट्टू का एंटी सिख चेहरा बीजेपी को और भी नुकसान पहुंचाएगा। इनको जो सिक्योरिटी मिली हुई है, घर मिले हुए हैं, उन सुविधाओं को रखने के लिए कि आने वाले टाइम में जेड प्लस सिक्योरिटी और अन्य सुविधाएं ना छिन जाएं। इसलिए वो कांग्रेस छोडक़र गए हैं। ये घर जरूर इनके पास रह जाएंगे, लेकिन आने वाले समय में पंजाबी इन्हें बेघर कर देंगे।
परगट सिंह की भी आई प्रतिक्रिया
रवनीत सिंह बिट्टू के बीजेपी में शामिल होने पर कांग्रेस नेता परगट सिंह की भी प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि रवनीत बिट्टू राहुल गांधी की राजनीति के खिलाफ हैं। मुझे खुशी है कि उन्होंने जिसकी लाइन ली थी, उसी तरफ चले गए। इससे कांग्रेस कमजोर नहीं होगी, बल्कि नए चेहरों को मौका मिलेगा। ऐसे लोग सिर्फ खुद से प्यार करते हैं, पंजाब से नहीं। जबकि कांग्रेस ने उसके पूरे खानदान को मुखयमंत्री,मंत्री व इसको सांसद तक बनाया,यह कांग्रेस से ही कद्दारी कर गये।
बिट्टू ने राजनितक मौका प्रसती की: राजा वडिंग
पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने इसे राजनीतिक मौकापरस्ती करार दिया । राजा वडिंग ने कहा, रवनीत सिंह बिट्टू को कांग्रेस में पूरा सममान मिला। मगर फिर भी वे बीजेपी में शामिल हो रहे हैं ये राजनीतिक मौकापरस्ती है। बिट्टू के दादा पूर्व मुखयमंत्री बेअंत सिंह ने उस जमाने में पंजाब में कांग्रेस का झंडा ऊंचा रखा जब राज्य में आतंकवाद का दौर था। कांग्रेस को तो इससे कोई नुकसान नहीं होगा, मगर ये बिट्टू के लिए सही नहीं है। बिट्टू का जाना अच्छा है इससे और युवा लोगों को मौका मिलेगा। उन्होने कहा ये अच्छी बात है कि बिट्टू बीजेपी में चले गए। उनके खिलाफ लुधियाना में एंटी-इन्कंबेंसी थी। ये मौकापरस्त लोग हैं, कभी इधर कभी उधर जाते रहते हैं. ऐसे समय में जब विरोधी राजनीतिक पार्टियां बीजेपी के खिलाफ लामबंद हो रही हैं। ऐसे वक्त में बिट्टू का जाना उनकी मौकापरस्ती को दिखाता है।
सांसद बिट्टू की भाजपा एंट्री पर भडक़े आशू
पंजाब में लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू की भाजपा में बीते दिन एंट्री हुई। कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू बिट्टू की एंट्री पर खूब भडक़े। आशू ने कहा कि रवनीत एक कमजोर नेता साबित हुआ है। भाजपा में शामिल होने से करीब आधा घंटा पहले ही बिट्टू कांग्रेस और वर्करों की मीटिंग की बात कर रहा था। अचानक से समाचार मिला कि वह भाजपा में शामिल हो गया। बिट्टू के भाजपा में जाने से कांग्रेस के वर्कर और नेता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे है। लेकिन अब जिला कांग्रेस पहले से अधिक मजबूत होगी। बिट्टू ने अपना किरदार निभा कर साबित कर दिया है कि वह एक कमजोर नेता कांग्रेस में साबित हुए है। कांग्रेसी वर्करों का अब एक ही नारा है कि बिट्टू को सबक सिखाना है। बिट्टू को ये बात समझ लेनी चाहिए कि कांग्रेस उनके कारण नहीं है बल्कि वह कांग्रेस के कारण थे। स्व. बेअंत सिंह ने कांग्रेस और पंजाब के लिए जान तक दे दी लेकिन आज बिट्टू ने भाजपा का दामन थाम कर अपने कांग्रेसी परिवार से भी धोखा किया है। आशू ने कहा कि जिस समय बिट्टू भाजपा में शामिल हुआ है उस समय उन्हीं के भाई तेज प्रकाश कोटली और गुरकिरत सिंह कोटली कांग्रेस हाईकमान की मीटिंग में शामिल थे जब बिट्टू ने ये फैसला लिया।
संघर्ष की जगह सहूलियत बिट्टू ने चुनी
आशू ने कहा कि आज राजनीति संघर्ष की ना होकर सहूलियत की रह गई है। जब पार्टी में संघर्ष की बात आती है तो बिट्टू जैसे नेता सहूलियत का रास्ता खोजते है। आशू ने कहा कि बिट्टू के खिलाफ किसी कांग्रेसी ने टिकट तक हाईकमान से नहीं मांगी। अकेले बिट्टू का नाम ही टिकट के लिए गया था। बिट्टू को यदि टिकट मिलती तो सभी उसका साथ देते। आशू ने कहा कि बिट्टू में अच्छे दोस्त है अब आगे रिश्ता उन्होंने कैसे निभाना है ये उन्हीं को पता होगा। अब पार्टी हाईकमान जिस प्रत्याशी को टिकट देंगे उसका पूरी कांग्रेस साथ देगी। आशू ने कहा कि यदि बिट्टू के सामने चुनाव लडऩा पड़ा तो वह डट कर चुनाव लड़ेंगे। 

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