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दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के दौरान 170 फोन किए गए नष्ट, केजरीवाल की याचिका पर ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

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नई दिल्ली/25 अप्रैल।
ईडी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी बड़े पैमाने पर सुबूतों से छेड़छाड़ के कारण हुई है। इसमें घोटाले की अवधि के दौरान लगभग 170 मोबाइल फोनों को नष्ट करना भी शामिल है।
केजरीवाल ने शीर्ष कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। हलफनामे में ईडी ने यह भी कहा है कि केजरीवाल नौ बार समन किए जाने के बावजूद पूछताछ से बचते रहे। हाईकोर्ट की ओर से गिरफ्तारी पर रोक न लगाए जाने के बाद ही केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई थी। ईडी ने इस आरोप का भी खंडन किया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी का समय राजनीति से प्रेरित था। जांच एजेंसी ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी पर्याप्त सुबूतों के आधार पर हुई और चुनाव की अखंडता से कोई समझौता नहीं किया गया था।
एजेंसी ने कहा है कि किसी भी आरोपित व्यक्ति की गिरफ्तारी सुबूतों के आधार पर ही की जाती है, भले ही वह किसी भी पद पर क्यों न हो। हलफनामे में आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले राजनेताओं को गिरफ्तारी से छूट देने के विरोध में कहा गया कि यदि ऐसा किया जाए तो इससे चुनावी प्रक्रिया की अखंडता कमजोर हो जाएगी। इसमें कहा गया कि सुबूतों के आधार पर आरोपित की गिरफ्तारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं करती है।
ईडी ने सीएम केजरीवाल को 21 मार्च को दिल्ली में उनके आधिकारिक आवास पर दो घंटे से अधिक समय तक पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार किया था। ईडी ने केजरीवाल को दिल्ली सरकार के अन्य मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से किए गए आबकारी घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है।

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