हरियाणा में ब्लैक स्पॉट्स मार्च 2026 तक खत्म करने के मुख्यमंत्री के सख्त आदेश

छात्रों के लिए अतिरिक्त बसें, निजी बसों में भी पास सुविधा अनिवार्य- मुख्यमंत्री

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ओवरस्पीडिंगओवरलोडिंग पर बरतें सख्ती

छात्रों की सुरक्षा से लेकर सड़क सुधार तक त्वरित कदम उठाए अधिकारी

चंडीगढ़, 20 नवंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने बढ़ती छात्र संख्या को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को  निर्देश दिया कि मॉर्निंग पीक टाइम में अतिरिक्त बसें उपलब्ध कराई जाएं। आवश्यकतानुसार बसों की संख्या बढ़ाई जाए और कम अंतराल पर बसें चलाकर विद्यार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न होने दी जाए। उन्होंने कहा कि निजी बसों में भी सरकारी बसों की तर्ज पर स्टूडेंट पास सुविधा अनिवार्य रूप से दी जाए तथा किसी शिकायत की स्थिति में सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी वीरवार को हरियाणा सिविल सचिवालय में सड़क सुरक्षा से संबंधित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

स्कूली बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि स्कूलों के बच्चों की सुरक्षा से संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए। अधिकारी स्कूल बसों के सुरक्षा मानकों और बसों में लगे जीपीएस सिस्टम का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करें।

निश्चित समयसीमा तक ब्लैक स्पॉट्स समाप्त करें

मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रदेश में मौजूद सभी ब्लैक स्पॉट्स को चिन्हित कर 31 मार्च 2026 तक पूरी तरह समाप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य को मिशन मोड में चलाते हुए तत्काल कार्रवाई शुरू की जाए, ताकि सड़क हादसों में स्पष्ट कमी लाई जा सके।

सड़क हादसे रोकने हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सड़क दुर्घटनाओं से जुड़े मामलों के समाधान और विभागों के समन्वय के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए, जो सभी मामलों की नियमित निगरानी कर दुर्घटनाओं में कमी लाने के प्रयासों को तेज करे।

ओवरस्पीडिंग, ओवरलोडिंग और चालान मॉनिटरिंग पर सख्ती

मुख्यमंत्री ने ओवरस्पीडिंग और ओवरलोडिंग पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि सीसीटीवी कैमरों की मदद से स्पीड मॉनिटरिंग को मजबूत किया जाए और नियमों का उल्लंघन करने वालों का तुरंत चालान किया जाए। उन्होंने कहा कि तेज गति और लापरवाही हादसों के प्रमुख कारण हैं, इसलिए इनके खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

सड़क संकेतकस्पीड ब्रेकर और निर्माण कार्यों की निगरानी

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि लिंक रोड से मुख्य सड़क पर जुड़ने वाले स्थानों पर आवश्यकतानुसार स्पीड ब्रेकर बनाए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि सड़क निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग ऐप के माध्यम से की जाए और जहां ठेकेदार लापरवाही बरत रहे हों, वहां पेनल्टी लगाई जाए। उन्होंने गड्ढों को तत्काल भरने, डार्क स्पॉट्स पर तुरंत लाइटिंग सहित आवश्यक सुरक्षा सुधार करने और सड़क संकेतकों व चिह्नों को दोबारा स्पष्ट करने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बसों के रुकने के लिए चिन्हित स्थानों पर बस क्यू–शेल्टर बनाए जाएं, ताकि बस सेवा व्यवस्थित रूप से संचालित हो सके। उन्होंने नशे में गाड़ी चलाने पर रोक लगाने के लिए “ड्रिंक एंड ड्राइव” के विरुद्ध कड़े प्रवर्तन और जागरूकता स्लोगन लगाने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने सभी वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाना अनिवार्य करने के निर्देश दिए तथा कहा कि धुंध के मौसम को देखते हुए इस पर विशेष अभियान चलाया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि रिफ्लेक्टर लगाने के लिए नागरिकों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा और जिला सड़क सुरक्षा समितियां इसे गंभीरता से लागू करें।

मुख्यमंत्री ने सड़कों पर छोड़े जाने वाले गोवंश की समस्या पर चिंता जताई और अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी पशुओं को सुरक्षित अभयारण्यों में रखा जाए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सड़क दुर्घटनाओं में स्पष्ट कमी दिखनी चाहिए। उन्होंने सभी विभागों से अपेक्षा की कि वे गंभीरता और तत्परता से कार्य करें, ताकि प्रदेश की सड़कें अधिक सुरक्षित, बेहतर और जनहित में अधिक प्रभावी बन सकें।

बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल, हरियाणा परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजा शेखर वुंडरू, उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता, लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल, डीजीपी ओ.पी. सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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