आनंदपुर साहिब में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर पंजाब सरकार ने बड़ा और भव्य कार्यक्रम किया, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी के न पहुंचने से राजनीतिक माहौल गरम हो गया है। आम आदमी पार्टी पंजाब के प्रधान अमन अरोड़ा ने कहा कि इतने बड़े और ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री का न आना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने इसे सिखों का अपमान बताया और कहा कि इससे साफ पता चलता है कि पंजाब के प्रति उनकी सोच कैसी है। अरोड़ा ने सवाल उठाया कि आखिर प्रधानमंत्री इस महत्वपूर्ण शहीदी समारोह में क्यों नहीं पहुंचे।
‘गैर-राजनीतिक कार्यक्रम था, सबको बुलाया गया था’
अमन अरोड़ा ने बताया कि 25 अक्टूबर से गुरु तेग बहादुर जी की शहादत, उनकी शिक्षाओं और संदेश को लोगों तक पहुंचाने के लिए नगर कीर्तन, लाइट एंड साउंड शो, ड्रोन शो सहित कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। यह पूरा कार्यक्रम गैर-राजनीतिक था, जिसमें हर समुदाय और हर विचार के लोगों को बुलाया गया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निमंत्रण भेजा गया, लेकिन इसके बावजूद पीएम नहीं आए। यहां तक कि पंजाब भाजपा के नेता भी नहीं पहुंचे, जबकि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद उन्हें निमंत्रण भेजा था।
‘पीएम का न आना सिख पंथ की भावनाओं को ठेस’
अरोड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री का गुरु तेग बहादुर जी की बलिदान स्थली पर सिर न झुकाना सिख पंथ और पंजाब की भावनाओं की अनदेखी है। उन्होंने कहा कि अगर गुरु साहिब की शहादत न होती, तो आज हिंदुस्तान का स्वरूप कुछ और होता। इसलिए यह दिन केवल एक कार्यक्रम नहीं बल्कि देश की आत्मा से जुड़ा हुआ पल है।
किसानों के मुद्दे पर भी केंद्र पर निशाना
अरोड़ा ने कहा कि कुरुक्षेत्र से आनंदपुर साहिब की दूरी सिर्फ कुछ मिनट की हवाई उड़ान है, फिर भी पीएम नहीं आए। किसानों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी है, लेकिन उनकी ज्यादातर मांगें केंद्र से जुड़ी हुई हैं। ऐसे में जब केंद्रीय कृषि मंत्री चंडीगढ़ आएं, तो उन्हें जमीन पर बैठकर किसानों से बात करनी चाहिए, न कि सिर्फ औपचारिकताओं और फोटो तक बात को सीमित रखना चाहिए।
