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माता सरस्वती कालेज ऑफ नर्सिंग बीरमी की मैनेजमेंट विवादों में, वहां पढ़ने वाली स्टूडेंट का करियर बर्बाद करने का आरोप

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नर्सिंग स्टूडेंट का इलजाम छह साल बाद भी डिग्री नहीं मिली

कॉलेज में तमाम खामियां, कई स्टूडेंट्स को प्रताड़ित किया

लुधियाना 23 अप्रैल। नजदीकी गांव बीरमी स्थित सरस्वती कालेज ऑफ नर्सिंग बीरमी की मैनेजमेंट विवादों के घेरे में आ गई है। यहां पढ़ने वाली स्टूडेंट मैंकी जैसवाल ने मैनेजमेंट पर संगीन इलजाम लगाते हुए उसका करियर बर्बाद करने का आरोप लगाया।

मीडिया से रु-ब-रु होकर इस नर्सिंग स्टूडेंट ने इलजाम लगाया कि उसने यहां साल 2018 में दाखिला लिया था। छह साल बाद भी डिग्री नहीं मिली और उसकी फीस तक नहीं लौटाई जा रही। साथ ही दाखिले के समय जमा किए दस्तावेज भी गायब कर दिए गए हैं। अपने करियर को लेकर चिंतित स्टूडेंट ने इलजाम लगाया कि यह केवल उसके साथ ही नहीं किया गया। उसके अलावा भी कई अन्य स्टूडेंट को इसी तरह आर्थिक, मानसिक व सामाजिक तौर पर प्रातड़ना का शिकार होना पड़ा है।

आरोपों के मुताबिक कॉलेज में तमाम तरह की खामियां हैं। यहां नॉन-अटैंडिंग क्लासेज चलती है। जबकि तय सिस्टम के मुताबिक  नर्सिंग स्टूडेंट्स को क्लीनिकल ड्यूटी पर लुधियाना के सिविल अस्पताल में भेजा जाना चाहिए था। गर्ल्स हॉस्टल में सुरक्षा के माकूल इंतजाम नहीं हैं और मेल स्टूडेंट्स बेरोकटोक वहां आ जाते हैं। कॉलेज में स्टाफ की कमी है। मैनेजमेंट संभाल रहे हरपाल सिंह, परवीन कौर और नर्स लवप्रीत कौर इस बारे में मिलने वाली शिकायतों को कभी गंभीरता से नहीं लेते हैं। उल्टे स्टूडेंट्स को सलाह देते हैं कि स्लैबस से जुड़े कोर्स मैटेरियल सोशल मीडिया में सर्च करके नोट्स तैयार कर लें। साथ ही आश्वासन देकर टरका देते हैं कि जल्द ही कालेज का सिस्टम सुधारा जाएगा।

अपनी करियर को लेकर चिंतित स्टूडेंट जैसवाल ने भावुक होकर कहा कि जब इतने साल बाद पैसा बर्बाद करके भी डिग्री नहीं मिली तो भला नौकरी कैसे मिलेगी। साथ ही चेतावनी दी कि वह अन्य पीड़ित स्टूडेंट्स के साथ मिलकर इंसाफ पाने के लिए कानूनी कार्रवाई भी करने को तैयार है।

कुछ आरोप सही, मजबूरी है : भाटिया

कॉलेज मैनेजमेंट की ओर से उपल्बध कैशियर राजिंदर सिंह भाटिया ने ऑन रिकॉर्ड माना कि कॉलेज में कुछ खामियां जरुर हैं। सुरक्षा के नजरिए से गर्ल्स हॉस्टल को जल्द बंद किया जा रहा है। आरोप लगाने वाली स्टूडेंट्स के दस्तावेज तलाश करने के लिए क्लर्क की ड्यूटी लगा दी है। मिलते ही संबंधित छात्रा को सौंप देंगे। कॉलेज में स्टाफ की कमी भी है, ट्रेंड स्टाफ विदेश का रुख कर लेता है। बाकी समस्याओं को भी जल्द दुरुस्त करने के प्रयास जारी हैं।

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