
नई दिल्ली, 21 नवंबर —
देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम इस वर्ष बड़ी चुनौती से गुजर रहा है। ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2025 में अब तक 11,223 स्टार्टअप बंद हो चुके हैं, जो 2024 की तुलना में लगभग 30% अधिक है। यह आंकड़ा भारतीय स्टार्टअप सेक्टर में गहराते वित्तीय संकट, फंडिंग में गिरावट और बढ़ती परिचालन लागत की तरफ इशारा करता है।
जानकारी के अनुसार सबसे अधिक बंद होने वाले स्टार्टअप B2C ई-कॉमर्स, SaaS, फिनटेक और एंटरप्राइज सॉल्यूशन सेक्टर से रहे। फंडिंग विंटर, कड़ी प्रतिस्पर्धा, प्रॉफिटेबिलिटी का दबाव और निवेशकों द्वारा सतर्क रुख अपनाए जाने को इस स्थिति का बड़ा कारण बताया जा रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार शुरुआती-स्तर के स्टार्टअप्स में बंद होने की दर सबसे अधिक रही, क्योंकि उन्हें न तो आवश्यक पूंजी मिल सकी और न ही स्थायी राजस्व स्रोत विकसित हो पाए। कई स्टार्टअप बड़े स्तर पर विस्तार करने से पहले ही कैश फ्लो समस्याओं से जूझ गए।
इकोसिस्टम विश्लेषकों का कहना है कि वैल्यूएशन बबल फटने, ग्राहकों को प्राप्त करने की बढ़ती लागत और धीमी वैश्विक अर्थव्यवस्था का असर भारतीय बाजार पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
हालांकि, विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं कि 2026 में बाजार में सुधार और AI-आधारित व्यवसायों के उभार से स्टार्टअप सेक्टर में फिर नई ऊर्जा देखने को मिल सकती है।
