शहर की विभिन्न कॉलोनियों में बढ़ रही आशंकाओं और असमंजस के बीच सोमवार को पुनर्वास और रेग्युलराइजेशन कॉलोनियों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ के चीफ सेक्रेटरी एच. राजेश प्रसाद से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने हजारों परिवारों को प्रभावित कर रही समस्याओं का एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा।
निवासियों ने रखीं गंभीर चिंताएँ
प्रतिनिधिमंडल के अनुसार, कई परिवार पिछले दिनों कॉलोनियों में चल रही प्रशासनिक कार्रवाइयों, संभावित बेदखली, तोड़फोड़ की आशंकाओं और पुनर्वास नीतियों में देरी को लेकर असुरक्षा महसूस कर रहे हैं।
निवासियों ने प्रमुख समस्याएँ उठाईं, जिनमें शामिल हैं:
•बेदखली का डर
•रेग्युलराइजेशन पर स्पष्टता की कमी
•मूलभूत सुविधाओं में देरी
•प्रशासन और निवासियों के बीच स्पष्ट संवाद की आवश्यकता
प्रतिनिधिमंडल ने निवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए तुरंत हस्तक्षेप की मांग की।
चीफ सेक्रेटरी का मजबूत आश्वासन
चीफ सेक्रेटरी प्रसाद ने कॉलोनीवासियों की बात बड़े ध्यान से सुनी और स्पष्ट आश्वासन दिया कि चंडीगढ़ में किसी भी कॉलोनी निवासी को मनमाने ढंग से बेदखल नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा किसी भी कॉलोनी निवासी के साथ अन्याय नहीं होगा। हर पात्र व्यक्ति को उसका हक दिया जाएगा। किसी को भी घर से जबरन नहीं हटाया जाएगा।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि उठाए गए मुद्दों की समीक्षा कर तुरंत समाधान का रोडमैप तैयार किया जाए।
समस्याओं के त्वरित समाधान की ओर प्रशासन
चीफ सेक्रेटरी ने यह भी संकेत दिया कि प्रशासन पुनर्वास, अलॉटमेंट अधिकारों और कॉलोनी इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी नीतियों को सरल एवं सुव्यवस्थित करने की दिशा में काम कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, लंबित मामलों और शिकायतों की नई समीक्षा जल्द शुरू हो सकती है, जिससे हजारों परिवारों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
प्रतिनिधिमंडल ने जताया संतोष
मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि चीफ सेक्रेटरी की प्रतिक्रिया ने उन परिवारों को राहत दी है जो पिछले कई दिनों से अनिश्चितता में थे। उन्होंने प्रशासन द्वारा समस्याओं को प्राथमिकता से निपटाने के आश्वासन का स्वागत किया।
पिछले कुछ हफ्तों में कॉलोनियों में की गई प्रशासनिक कार्रवाइयों और रेग्युलराइजेशन नीतियों को लेकर अफवाहों के कारण निवासियों में चिंता बढ़ी हुई थी।
आज की बैठक को कॉलोनी निवासियों व यूटी प्रशासन के बीच भरोसा बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
