क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़ा गया दूसरा गैंग भी कोई कम नहीं था। इस गैंग के भी छह सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं, जो नशा बेचकर दूसरों की जान से खिलवाड़ करते थे। क्राइम ब्रांच के अनुसार एक गुप्त सूचना के आधार पर सब इंस्पैक्टर दलजीत सिंह व उनकी टीम ने सैक्टर 25 निवासी राहुल (23 साल) और डड्डू माजरा निवासी अरुण कुमार (32 साल) को पकड़ा, और उनके पास से 109.56 ग्राम कोकीन और 36.80 ग्राम कोकीन बरामद की जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। आगे की इन्वेस्टिगेशन में तीन और आरोपियों इंदरजीत सिंह उर्फ रोहित, टिंकू, आकाश और विशाल को अरैस्ट किया गया। इन छह आरोपियों से कुल 90 लाख की 184 ग्राम कोकीन, 75 लाख का 279 ग्राम चिट्टा, 5 लाख की ड्रग मनी, दो वाहन, लाखों के सोना-चांदी के आभूषण व नोट काउंटिंग मशीन बरामद की गई है। पुलिस जांच से पता चला कि आरोपी ट्राइसिटी और आस-पास के इलाकों में ड्रग्स कर नैटवर्क चला रहे थे। अरुण कुमार मुख्य तस्कर था, जो दिल्ली के सप्लायर से कोकीन खरीदता था। उसने ड्रग मनी लेने के लिए कई बैंक अकाउंट का भी इस्तेमाल किया। अरुण कुमार पिछले एक साल से राहुल को कोकीन सप्लाई कर रहा था। राहुल से लोकल खरीदार संपर्क करते थे और ड्रग्स को खास जगहों पर रखकर और किसी से सीधे मिलने से बचने के लिए फोटो और लोकेशन, पिन शेयर करके डिलीवर किया जाता था। उसे आकाश की मदद से थर्ड-पार्टी बैंक अकाउंट से ड्रग मनी मिलती थी, जो ट्रांजैक्शन और सप्लाई संभालता था। इंदरजीत सिंह उर्फ रोहित (अरुण का साला), अरुण और पंजाब के एक सप्लायर गिल के बीच बिचौलिए का काम करता था, जिसे वह इंस्टाग्राम के जरिए जानता था। वह सभी आरोपी पुलिस रिमांड पर हैं।
इन आरोपियों की भी जरूर जान लें प्रोफाइल :- राहुल: डड्डू माजरा निवासी 23 साल का आरोपी राहुल अनपढ़ है। उसके पिता मार्किट एरिया में जूते पॉलिश करते हैं, और राहुल खुद मार्किट में डोर मैट बेचता है। अरुण कुमार, जो मेन तस्कर है, वह उसका दोस्त है। राहुल ने अरुण कुमार के कहने पर ड्रग्स बेचना शुरू किया क्योंकि उसे पैसों की जरुरत थी। वह अरुण कुमार से थोड़ी मात्रा में कोकीन (20-30 ग्राम) खरीदता था, फिर एक-एक ग्राम के पैकेट बनाता था और उन्हें बेचता था। वह ड्रग्स को माइलस्टोन ड्रॉप पॉइंट पर रखकर डिलीवर करता था और यूपीआई के जरिए पैसे लेता था।
अरुण कुमारः 32 साल का अरुण कुमार 12वीं पास है। उसके पिता पहले मोची का काम करते थे और अब अपने घर से कपड़े बेचने लगे हैं, जहां अरुण कुमार भी उनकी मदद करता था। पहले, अरुण सैक्टर-17 मार्किट में रेहड़ी लगाने का काम करते था। वह पिछले दो सालों से ड्रग बेचने के काम में शामिल हुआ था। वह आसानी से और जल्दी पैसा कमाने के मकसद से अपने दोस्तों के जरिए ड्रग्स बेचने के इस गैर-कानूनी काम में शामिल हुआ।
इंद्रजीत सिंह उर्फ रोहितः इंद्रजीत 12वीं पास है और अभी अपने पिता की किराना दुकान पर काम करता है। इससे पहले, उसने चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया में बिम ग्लोबल कंपनी (एक वाइन बनाने वाली कंपनी) में 2-3 साल तक सेल्स एग्जीक्यूटिव के तौर पर काम किया था। अरुण कुमार उसका साला है। वह पिछले एक साल से ड्रग्स बेच रहा है, और उसने यह काम अरुण कुमार की सलाह पर शुरू किया था। टिंकूः सैक्टर-25 निवासी टिंकू ग्रैजुएट है। वह पहले एक कैमिस्ट शॉप और शादी के इवेंट्स में काम करता था। उसने चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया में विलियम ग्रैंड्स कंपनी (एक वाइन बनाने वाली कंपनी) में सेल्स एग्जीक्यूटिव के तौर पर भी पांच साल काम किया। वह अरुण कुमार के जरिए इन गैर-कानूनी कामों में आया। आकाशः सैक्टर-25 निवासी 27 साल का आकाश 8वीं पास है। वह सैक्टर 37 में एक प्रॉपर्टी डीलर के ऑफिस में चपरासी और एक दुकान पर हैल्पर के तौर पर काम करता था। अभी वह अपनी एक्टिवा पर रैपिडो राइडर के तौर पर काम कर रहा है। पैसे की दिक्कतों की वजह से, वह अरुण कुमार के जरिए इन गैर-कानूनी कामों में आया। उसे अपने बेटे के इलाज के लिए पैसे चाहिए थे। वह कस्टमर्स को ड्रग्स सप्लाई करता था और यूपीआई के जरिए पैसे लेता था।
