इथियोपिया का हेली गुब्बी ज्वालामुखी रविवार को 12 हजार साल बाद फटा। इस विस्फोट से उठी राख और सल्फर डाइऑक्साइड करीब 15 किलोमीटर ऊँचाई तक पहुंच गई। राख लाल सागर पार करते हुए यमन और ओमान तक फैल गई।
राख भारत तक पहुँची
सोमवार रात करीब 11 बजे राख भारत के राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली-एनसीआर और पंजाब तक पहुँच गई। IMD ने बताया कि राख के बादल मंगलवार शाम तक साफ हो जाएंगे और चीन की तरफ बढ़ जाएंगे।
उड़ानों पर असर
एयर इंडिया ने 11 उड़ानें रद्द की थीं। एक्सपर्ट्स ने कहा कि राख इतनी ऊँचाई पर थी कि आम लोगों की जिंदगी पर असर बहुत कम होगा। DGCA ने एयरलाइंस को सावधानी बरतने के लिए गाइडलाइन जारी की थी। कई एयरलाइंस ने अपने रूट बदल दिए या उड़ानें रद्द कर दीं।
वैज्ञानिकों की नज़र
वैज्ञानिक सैटेलाइट और रिमोट सेंसिंग तकनीक से ज्वालामुखी की स्थिति को ट्रैक कर रहे हैं। हेली गुब्बी में शुरुआती विस्फोट के बाद कभी-कभी दोबारा धमाके भी हो सकते हैं। इस विस्फोट में अब तक किसी की मौत नहीं हुई।
भविष्य की तैयारी
हेली गुब्बी अफार रिफ्ट का हिस्सा है, जहां धरती की प्लेटें लगातार हिलती रहती हैं। वैज्ञानिक अब इस ज्वालामुखी को भविष्य के अध्ययन के लिए मॉनिटर करेंगे ताकि पता लगाया जा सके कि हजारों साल शांत रहने के बाद यह ज्वालामुखी अचानक क्यों सक्रिय हुआ।
