चंडीगढ 21 मई: जंग-ए-आजादी मेमोरियल के प्रमुख बरजिंदर सिंह हमदर्द के खिलाफ विजीलैंस ने आखिरकार मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले में दो एसडीओ रैंक अधिकारियों की गिरफतारी भी कर ली गई है। उन पर आरोप है कि जालंधर के कस्बा करतारपुर में स्थित जंग-ए-आजादी मेमोरियल मामले जिनकी परियोजना के घोटाले में सीधी संलिप्तता थी। हालांकि इसे लेकर जालंधर रेंज के एसएसपी विजिलेंस राजेशवर सिद्धू ने केस दर्ज होने की पुष्टि की है। 6 दिन के अंदर बरजिंदर सिंह हमदर्द को विजिलेंस के सामने पेश होने के आदेश दिए गए हैं। विजिलेंस ब्यूरो ने लंबी जांच के बाद यह मामला दर्ज किया है। सूत्रों के अनुसार गिरफतार किए गए दोनों एसडीओ उक्त घोटाले में शामिल थे। विजिलेंस ब्यूरो जालंधर रेंज ने पिछले साल मार्च महीने में इस प्रोजेक्ट को लेकर जांच शुरू की थी। शिकायत है कि इस प्रोजेक्ट को बनाते समय फंड का मिस-यूज हुआ। जिसके लिए कुछ समय पहले प्रबंध समिति के सचिव लखविंदर सिंह जौहल को भी तलब किया गया था। इस प्रोजेक्ट का बजट 315 करोड़ रुपए था। इस जांच में विजिलेंस ब्यूरो ने 2014-2016 में इसके निर्माण के दौरान कितने पैसे पास किए गए थे, पैसे का इस्तेमाल कैसे और कहां किया गया, इससे संबंधित तथ्यों की जांच विजिलेंस ब्यूरो कर रही है। इसके अलावा, जिन अधिकारियों की देखरेख में पैसे आवंटित और इस्तेमाल किया गया, उनसे भी विस्तार से पूछताछ की गई थी। मगर अब विजिलेंस ने केस दर्ज कर पहली गिरफतारी कर ली है। गौरतलब है कि कि पंजाब विजिलेंस ब्यूरो का बरजिंदर सिंह हमदर्द को नोटिस भेज कर 17 सवालों के जवाब मांगे थे। जंग-ए-आजादी स्मारक को लेकर पहला नोटिस विजिलेंस ने 24 मई 2023 को भेजा था और हमदर्द को 29 जून 2023 तो पेश होने के लिए कहा था। लेकिन बरजिंदर सिंह हमदर्द ने अपनी निजी व्यस्तताओं का हवाले देते हुए विजिलेंस को पत्र लिखा था। पत्र में बरजिंदर सिंह हमदर्द ने पेश होने के लिए 10 दिन का समय मांगा था। विजिलेंस ने हमदर्द के पत्र पर विचार करते हुए 9 जून 2023 को तलब किया था। लेकिन विजेलेंस से छूट मिलते ही इसी दौरान वह पंजाब एवं हाईकोर्ट में चले गए।
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