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वर्ल्ड की नामी टेक्सटाइल व स्पिनिंग मिल वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन एस.पी. ओसवाल से 7 करोड़ की ठगी

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वर्ल्ड की नामी टेक्सटाइल

(राजदीप सिंह सैनी)
लुधियाना 28 सितंबर।

देश में ठगों द्वारा कारपोरेट सैक्टर के 2 नामी कारोबारियों के साथ मारी ठगी में एक्सपोटर रजनीश आहूजा के बाद अब 7 करोड़ की ठगी वाले टैक्सटाइल कारोबारी का नाम सामने आ गया है ! इस बार ठगों और जालसाजों द्वारा किसी और को नहीं बल्कि विश्व प्रमुख टैक्सटाइल और यार्न कम्पनी वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन एसपी ओसवाल को ट्रैप में लिया गया और देखते ही देखते उनसे 7 करोड़ रु की बड़ी ठगी को अंजाम दिया

सूत्रों अनुसार ठगों द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई, ईडी जैसी सरकारी एजंसियों की साख को दांव पर लगा कर पद्मश्री एसपी ओसवाल को बहुत शातिर ढंग से अपने ट्रैप में लिया यहां तक की जालसाजों द्वारा साजिश की शुरुआत श्री ओसवाल की मदद के रूप में की और देखते ही देखते पूरी साजिश को अंजाम दे दिया । हालाकि एसपी ओसवाल ने इसकी जानकारी लुधियाना साइबर सैल को दी, कानून पर भी यकीन रखा। ताकि उनके साथ जो हुआ वह किसी और के साथ न हो। चर्चा है कि पुलिस द्वारा इस मामले में करीब साढ़े पांच करोड़ रुपए रिकवर भी कर लिए हैं। वहीं कही न कही एक ठग पुलिस के शिकंजे में फंसने की भी बात सामने आई है। लेकिन चर्चा है कि लुधियाना पुलिस द्वारा अभी इस मामले का खुलासा नहीं किया गया है। जल्द प्रैस कांफ्रेस कर खुलासा किया जा सकता है।

एस.पी. ओसवाल को आदर्श मानते हैं लोग
जानकारी के अनुसार वर्धमान ग्रुप स्पिनिंग और टेक्सटाइल इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान रखती है। उनका नाम भारत ही नहीं बल्कि वर्ल्ड में नामी है। एस.पी. ओसवाल के प्रभावशाली बिजनेस के चलते भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री से सम्मान किया जा चुका है। एस.पी. ओसवाल को स्पिनिंग मिल में लोग अपना आदर्श मानते हैं। यहां तक कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री उन्हें अपने कारोबार के लिए फॉलो करती है और यूथ उन्हें देखकर उनके जैसा बनने की चाहत रखते हैं। हालाकि इस ठगी के बाद पूरे वर्ल्ड के लोग हैरान है कि एसपी ओसवाल जैसे अवेयर, दूरदर्शी व बड़े बिजनेस इंसान के साथ ठगों द्वारा ठगी हुई। लोग अभी तक यकीन ही नहीं कर पा रहे कि उनके साथ ऐसे फ्रॉड हो सकता है।

सीबीआई जैसी एजेंसियों की अच्छी पहचान रखते हैं आरोपी
जानकारी के अनुसार एस.पी. ओसवाल के साथ ठगी मारने वाले ठगों द्वारा सीबीआई, कस्टम विभाग और दिल्ली पुलिस के नाम का सहारा लिया गया। यहां तक कि इन विभागों की बारीकियां तक उन्हें पता है। यहीं नहीं ठगों द्वारा बातचीत के दौरान अच्छे तरीके से अंग्रेजी बोली जा रही थी। एक्सपर्ट का कहना है कि ठग अंग्रेजी बोलने में काफी सक्षम थे। बातचीत से लगता है कि वह काफी वेल एजुकेटिड हैं।

केस में नाम आने की कही बात, वीडियो कॉल भी की
ठगों द्वारा एस.पी. ओसवाल से फोन कर संपर्क किया गया। उनकी और से उनका नाम एक केस में आने की बात कही। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी प्रॉपर्टी सीज करने के आदेश जारी करने की बात बोली। फिर कस्टम विभाग, सीबीआई व दिल्ली पुलिस का सहारा लिया। यह ठग इतने शातिर थे कि उन्होंने झांसे में लेने के लिए वीडियो कॉल तक की। वीडियो कॉल में एक व्यक्ति को भी दिखाया गया। वह व्यक्ति एस.पी. ओसवाल व वर्धमान ग्रुप का नाम ले रहा था। इस तरह कर ठग धीरे धीरे कर एस.पी. ओसवाल को अपने झांसे में फंसाते रहे।

ठगों ने मान्नीय सुप्रीम कोर्ट के नाम का लिया सहारा
ठग इतने शातिर थे कि उन्होंने एस.पी. ओसवाल को ट्रैप में लेने के लिए मान्नीय सुप्रीम कोर्ट के नाम का सहारा लिया। उन्होंने एस.पी. ओसवाल को कहा कि उनका केस में नाम आने के चलते सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी प्रॉपर्टी सीज करने और अरेस्ट वारंट जारी करने के ऑर्डर किए हैं। यहां तक कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जाली ऑर्डर व अरेस्ट वारंट तक बना डाले। इसके अलावा कई फर्जी दस्तावेज भी ठगों ने तैयार कर रखे थे। एक अच्छे भारतीय नागरिक होने के चलते एस.पी. ओसवाल ने मान्नीय कोर्ट की रिस्पेक्ट करते हुए ठगों की बात मानी और कानून में रहकर जांच कराने की सोची। ठगों द्वारा जाली अधिकारी बनकर उनकी शख्सियत को समझते हुए ट्रैप में फंसाया गया।

 

केस में साथ देने का दिया झांसा
ठगों की और से एस.पी. ओसवाल से फोन पर बातचीत करने के दौरान यह भी कहा गया कि वह जानते है कि वर्धमान ग्रुप टेक्सटाइल इंडस्ट्री में सबसे बड़ा ग्रुप है। यहां तक कि उन्होंने एस.पी. ओसवाल से यह भी कहा कि वे जानते है कि आप एक रेपोटेड पर्सन है। लेकिन उनका नाम केस में आने के चलते वह सिर्फ इसे वेरीफाई कर रहे हैं। जबकि वह उन्हें किसी तरीके की कोई परेशान नहीं देंगे। यहां तक कि ठगों ने कहा कि वह सिर्फ जांच कर रहे है, उनकी स्पोर्ट करें वे केस को खत्म करने में उनका साथ देंगे। इससे पता चलता है कि ठगों द्वारा पहले वर्धमान ग्रुप संबंधी पूरी स्टडी की गई थी।

टेक्सटाइल इंडस्ट्री मानती है बिल गेट्स
बता दें कि वर्धमान ग्रुप अपने आप में एक उदाहरण है। इंडियन स्पिनिंग व टेक्सटाइल इंडस्ट्री एस.पी. ओसवाल की समझारी व दूरदर्शी के चलते उन्हें अपनी इंडस्ट्री को बिल गेट्स के मुकाबले देखती है। वर्धमान ग्रुप का ऐसा ग्रुप है, जिसका इंडिया के अलावा कई विदेशी कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर है। वर्धमान को लोग इंस्टीट्यूट मानते हैं।

पुलिस के लिए था डबल चैलेंज
चर्चा है कि एक ठग पुलिस के शिकंजे में आ चुका है। हालाकि यह पुलिस के लिए विश्व सत्र की उपलब्धी होगी। क्योंकि जिस बड़े कारोबारी के साथ यह ठगी हुई वे कोई आम इंसान नहीं है। एक तो फ्रॉड होने और दूसरा फ्रॉड इतने बड़े व्यक्ति के साथ होने के चलते यह केस पुलिस के लिए डबल चैलेंज वाला था। हालाकि पुलिस द्वारा इस मामले में काफी समझदारी दिखाई और बिना किसी को पता चले मामले को आखिर तक पहुंचाया गया।

लॉ व कानून को जानते है ठग
वहीं कुछ दिन पहले कारोबारी रजनीश आहूजा के साथ ठगों ने इसी तरह 1.1 करोड़ की ठगी की थी। रजनीश आहूजा ने बताया था कि ठगी करने वाला गैंग काफी वेल एजुकेटिड था। जबकि बातचीत करते हुए अच्छी अंग्रेजी बोलना और लॉ व कानून पर भी उनकी अच्छी पकड़ है। हालाकि चोर कही न कही भूल कर जाता है, उसी भूल को लुधियाना पुलिस ने अपनी सफलता में बदल दिया।

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