पंजाब शराब कांड: शराब बेचने वाला खुद भी पीकर मरा, पत्नी अरेस्ट, लुधियाना से सप्लाई होता था मेथनॉल

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अमृतसर 14 मई। अमृतसर में मजीठा हलके में शराब पीने से 23 लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 अस्पताल में जिंदगी के लिए जंग लड़ रहे हैं। ये मौतें मजीठा के 7 गांवों मराड़ी कलां, पातालपुरी, थरियेवाल, भंगाली कलां, तलवंडी खुम्मन, करनाला और भंगवां में हुईं। लेकिन, इन सभी गांवों की मौत के पीछे एक ही गांव है और वो है थरियेवाल। वहीं एसएसपी रुरल मनिंदर सिंह ने बताया कि यह शराब मेथनॉल को पानी में मिला कर बेची जाती थी। यह मेथनॉल लुधियाना से सप्लाई होगा था। जिसे सुख एन्क्लेव स्थित साहिल केमिकल्स के मालिक पंकज कुमार उर्फ साहिल और अरविंद कुमार द्वारा सप्लाई किया जाता था।

शराब तस्कर खुद भी मरा

थरियेवाल से पुलिस ने साहिब सिंह उर्फ सराय और गुरजंट सिंह के अलावा एक 75 साल की निंदर कौर को रविवार शाम को अरेस्ट किया। निंदर की शारीरिक स्थिति ऐसी है कि वह चल भी नहीं सकती। जिस समय निंदर को पुलिस अरेस्ट कर ले गई, कुछ समय बाद ही उसके पति तारू सिंह की भी मौत हो गई। दरअसल, तारू और उसकी पत्नी निंदर ये जहरीली शराब इलाके में बेचते थे। इसी बीच प्रोस्टेट कैंसर के कारण तारू सिंह ने बिस्तर पकड़ लिया। उसने भी यही जहरीली शराब पी थी।

साहिब सिंह किंगपिन, लुधियाना से मंगाई थी

एसएसपी रूरल मनिंदर सिंह ने जानकारी दी कि साहिब सिंह इस पूरे नेटवर्क का किंग पिन है। साहिब सिंह ऑनलाइन ऑर्डर कर मेथनॉल मंगवाया करता था। मेथनॉल के मुख्य सप्लायरों की पहचान लुधियाना के सुख एन्क्लेव स्थित साहिल केमिकल्स के मालिक पंकज कुमार उर्फ साहिल और अरविंद कुमार के रूप में हुई है। यहां से साहिब सिंह ने 50 लीटर मेथनॉल मंगवाई थी।

15-20 रुपए में शराब, बर्तन साथ लाते थे पीने वाले

गांव वालों ने बताया कि बाहर शराब काफी महंगी है। रोज दिहाड़ी करने वाले, इतनी महंगी शराब नहीं पी सकते। इसलिए वे इन घरों में शराब पीने पहुंच जाते थे। थैलियों में तो वे लोग शराब लेकर जाते थे, जिनके घर दूर होते थे। गांव वाले इन घरों में अपने घर से बर्तन लेकर पहुंच जाते थे। मेथनॉल को पानी में मिला कर 10-20 रुपए में सस्ती शराब मिल जाती थी। शराब पीने के आदी लोग अपने साथ गिलास, कटोरियां या मग लेकर चलते थे। कभी किसी ने उन्हें नहीं रोका। पुलिस को पता भी था, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की।

आप वर्कर अनुसार 30 साल से बिक रही शराब, लेकिन उनकी की सरकार नहीं रोक सकी

इसी गांव की आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता कंवलजीत कौर ने कहा कि यहां तीन घर 30 सालों से शराब बेच रहे हैं। पुलिस को भी इनका पता है। गांव के ही बड़े रसूख वाले लोग उनका सपोर्ट करते हैं। पहले गांवों में एक-एक व्यक्ति की मौत होती थी। मगर, जब 21 लोगों की मौत हुई, तो सभी को थरियेवाल का पता चला। हैरानी की बात तो यह है कि पंजाब में आप की सरकार है और आप कार्यकर्ता को इसका पता होने के बावजूद उन्हीं की सरकार इसे रोक नहीं पा रही।

लोकल बसों के सहारे बढ़ाया नेटवर्क

साहिब सिंह को अपनी मेथनॉल डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए बड़े नेटवर्क की जरूरत नहीं थी। उसने शहर में चलने वाली लोकल बसों को अपने साथ जोड़ लिया। वह 5 से 10 लीटर के कैन भरता और बसों के माध्यम से बस ड्राइवरों को चंद पैसे देकर गांवों तक पहुंचा देता था। इनमें उनका एक क्लाइंट प्रभजीत भी है, जो मजीठा हलके में डिस्ट्रीब्यूटर का काम करता है।

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