तेरा नाम नवाब मलिक के साथ जुड़ा है… साइबर ठगों ने इंजीनियर को 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा, 350000 रुपये ठगे

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हरियाना/यूटर्न/22 दिसंंबर: हरियाणा के फरीदाबाद जिल में इंजीनियर को छह दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखकर साढ़े तीन लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। ठगों ने एयरपोर्ट पर ड्रग्स का पार्सल होल्ड होने का डर दिखाकर उन्हें फंसाया। इस दौरान परिजनों से भी यह बात शेयर नहीं करने दी। एक-एक मिनट भय के माहौल में रखा, जिसे इंजीनियर कुछ समझ नहीं पाए। छठे दिन ठगों का माइक ऑन रहने के कारण इंजीनियर ने जब उनकी बातें सुनीं तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने कॉल कट कर पुलिस को शिकायत दी। एनआईटी साइबर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ऑफिस में थे, तभी विदेशी नंबर से आया कॉल
सेक्टर-55 हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले इंजीनियर को 6 दिसंबर को उनके पास एक कुरियर कंपनी के नाम से विदेशी नंबर से फोन आया। कंपनी बैंकॉक की है, उस वक्त इंजीनियर अपनी कंपनी में थे। ठग ने कहा कि आपका पार्सल एयरपोर्ट पर होल्ड है, जिसमें पांच पासपोर्ट, बैंक के डॉक्युमेंट्स, पांच हज़ार नकद, 200 ग्राम ड्रग्स, 6 किलो कपड़े और एक लैपटॉप हैं। इंजीनियर ने कहा कि उन्होंने कोई पार्सल नहीं किया है। इस पर ठग ने कहा कि आपका इस पार्सल से आधार नंबर जुड़ा है। इस पर इंजीनियर थोड़े परेशान हो गए, क्योंकि वह कंपनी के काम से बाहर जाते वक्त अक्सर होटलों में ठहरते हैं, जहां कई बार आधार कार्ड देना पड़ जाता है।
क्राइम ब्रांच और सीबीआई का अधिकारी बन किया विडियो कॉल
ठग ने कहा कि आप अपना बयान विडियो कॉल पर दर्ज कराओ। उसके बाद उसने विडियो कॉल की। ठग ने खुद को क्राइम ब्रांच और सीबीआई का अधिकारी बताया। साथ ही पीडि़त से उसके आधार कार्ड और अन्य की जानकारी मांगी। उन्हें डराते हुए कहा कि आपकी वॉकी टॉकी के माध्यम से पुलिस अधिकारी से बात कराते हैं। उस नकली पुलिस अधिकारी ने कहा कि आपके चार अवैध तरीके से अकाउंट खुले हुए हैं, जिनके जरिये 1.8 मिलियन डालर की ट्रांजैक्शन हो रखी है, इसलिए आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए अरेस्ट करना पड़ेगा।
फाइनैंसल वेरीफिकशन के नाम पर ट्रांसफर कराई रकम
ठग ने यह भी कहा कि तेरा नाम मोहंमद इस्लाम नवाब मलिक के साथ जुड़ा है। जालसाजों ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के साथ मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का डर दिखाकर पीडि़त को डिजिटल अरेस्ट रखा। जो ठग बोलते गए, इंजीनियर वह करते गए। इंजीनियर से बोला गया कि अब आप कंपनी से छुट्टी लेकर अपने घर जाओ, अगर परिजन पूछते हैं तो कह देना कि वर्क फ्रोम होम करना है। किसी को भी कुछ बताया तो मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंस जाएंगे। इस केस से बचने के लिए आपकी फाइनैंस वेरिफिकेशन आरबीआई के माध्यम से होगी। फाइनैंसल वेरीफिकशन के नाम पर ठगों ने अलग-अलग डेट में 3,46,006 रुपये ट्रांसफर करा लिए।
ऐसे हुए खुलासा
12 दिसंबर की सुबह तक इंजीनियर अरेस्ट रहे, लेकिन जब इंजीनियर चाय पी रहे थे तो ठग का माइक ऑन रह गया। ठग अपने साथियों से पूछ रहा था कि डोगरा, हेमामालिनी केस में पैसे आए या नहीं, जिसके चलते इंजीनियर को उन पर शक हो गया और वह मोबाइल से हट गए। इतना होने के बाद इंजीनियर ने अपने परिजनों को जानकारी देते हुए पुलिस से शिकायत की।
समझें बात, कोई भी सरकारी एजेंसी ऑनलाइन पूछताछ नहीं करती
एसीपी साइबर अभिमन्यु गोयत कहते हैं कि लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी सरकारी एजेंसी ऑनलाइन तरीके से पूछताछ नहीं करती। सरकारी एजेंसी सिर्फ फिजिकल तरीके से पूछताछ करती है। अगर किसी के साथ इस तरीके की घटना होती है तो वह दो तरीके से इसे रिपोर्ट कर सकता है। साइबर फ्रॉड के हेल्पलाइन नंबर 1930 या फिर ईमेल के जरिए शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। स्थानीय पुलिस को भी शिकायत दे सकते हैं। अगर आप पुलिस को एक घंटे के भीतर सूचना देते हैं तो ट्रांसफर किए गए पैसे को वापस पाने की संभावना रहती है।
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