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एकदम सही पकड़े हैं जी
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महंगाई और बेरोजगारी की मारी जनता बेचारी
नेताजी से उसने रो-रोकर बताई अपनी लाचारी
झट से नेताजी ने जनता को लगाई जोर की फटकार
उन्होंने डांटते कहा, ये कौन सा राग अलाप रहे बेकार
—-बड़का वाले कविराय