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एकदम सही पकड़े हैं जी
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प्रधानजी लगातार सैर-सपाटा कर भूल गए अपना देश
विदेश से लौटे तो गुस्से में बोले, यह कैसा अजीब है देश
भला यहां का प्रधान क्यों नहीं करने आया हमारा वैलकम
पीए बोला, अपने ही देश लौटे हैं सर, बोलिए वंदे मातरत…
—-बड़का वाले कविराय