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एकदम सही पकड़े हैं जी
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विकास के दावे धुल गए इस बार बरसात में
कई पुल तो यूं ही बह गए दिन और रात में
अब पुल देख रास्ते से ही लौट रहे मुसाफिर
एयरपोर्ट पर छत की तरफ देख ढंकते सिर
—बड़का वाले कविराय
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विकास के दावे धुल गए इस बार बरसात में
कई पुल तो यूं ही बह गए दिन और रात में
अब पुल देख रास्ते से ही लौट रहे मुसाफिर
एयरपोर्ट पर छत की तरफ देख ढंकते सिर
—बड़का वाले कविराय