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एकदम सही पकड़े हैं जी
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जनता को पत चल गया कि बढ़ रही है बेरोजगारी
मगर नेता तो कहते हैं कि तुम्हारी अकल गई मारी
बेरोजगारी बढ़ेगी भी तो जनता क्यों करे इसकी चिंता
अपनी बिरादरी बढ़ने पर भिखारी ही उनको है गिनता
—-बड़का वाले कविराय