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एकदम सही पकड़े हैं जी
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अरे समझो, भाइयो-बहनों, आत्मनिर्भर तो बस एक जुमला था
हमने जैसे ही ‘आत्म-चिंतन’ किया तो बचा ही सिर्फ ‘निर्भर’ था
इसलिए तीसरी बार में विशुद्ध ‘निर्भर सरकार हमने बनाई है
आगे आते विपक्ष को पछाड़ना था, इसीलिए बैसाखी लगाई है
—– बड़का वाले कविराय