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अपने चन्नी, राम-दरबार होकर आए हैं
वहां बस यही गुहार लगा के आए हैं
जो सबको लाए, वो ही हमको लाएंगे
इस बार पांच साल वाला ‘सुख’ दिलाएंगे
————बड़का वाले कविराय
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अपने चन्नी, राम-दरबार होकर आए हैं
वहां बस यही गुहार लगा के आए हैं
जो सबको लाए, वो ही हमको लाएंगे
इस बार पांच साल वाला ‘सुख’ दिलाएंगे
————बड़का वाले कविराय