Listen to this article
एकदम सही पकड़े हैं जी
————————-
खद्दरधारियों की चुनावी-जुबान बस उगल रही है आग
इतना उगला जहर कि उनके घर वाले भी रहे दूर भाग
इनकी तरह तो हम भी नहीं लड़ते, बच्चे उड़ा रहे खिल्ली
इनको लड़ते देख, इंसान तो क्या शर्मा रहे हैं कुत्ता-बिल्ली
—–बड़का वाले कविराय