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पीली पत्रकारिता पर भी कसेगा शिकंजा, अखबारों में बड़ा बड़ा छप जाता है कि इसकी लहर… नेताओं की ऐसी चालाकी इस बार नहीं चलेगी,

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कुलवंत सिंह

दिल्ली  17 मार्च : लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही शनिवार को देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। मुखय चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए राजनीतिक दलों से प्रचार के दौरान मर्यादा बनाकर रखने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि मैं पार्टियों से व्यक्तिगत हमलों और अभद्र भाषा से परहेज करने का आग्रह करता हूं। राजीव कुमार ने कहा कि अखबारों में बड़ा बड़ा छप जाता है कि इसकी लहर, उसकी लहर, इन पर कड़ी नजर रखी जाएगी। ऐसा कुछ भी समाचार पत्र में छपेगा तो साफ तौर से बताना होगा कि ये विज्ञापन है। बिना जानकारी दिए ऐसा कुछ पेश किए जाने पर एक्शन हो सकता है।

लक्ष्मण रेखा पार न करें नेता

सीईसी राजीव कुमार की ओर से चुनावी दलों को सखत हिदायत दी गई। राजनीतिक दलों के सभी नेताओं और स्टार कैंपेनर्स को आयोग की गाइडलाइंस देने को कहा गया है, जिससे वे लक्ष्मण रेखा पार न करें। इसमें भाषणों में किन सीमाओं का ध्यान रखना है यह परिभाषित है। इसके मुताबिक, अगर किसी ने नफरत भरे भाषण दिए, निजी जिंदगी पर गलत बयान दिए या धार्मिक नफरत फैलाने की बात कही गई तो कड़ी कार्रवाई होगी। मुखय चुनाव आयुक्त ने ये भी कहा कि आइए हम अपनी प्रतिद्वंद्विता में सीमाएं न लांघें।

हम चुप नहीं बैठेंगे, चुनाव आयोग ने क्यों कहा ऐसा

चीफ इलेक्शन कमिश्नर ने कहा कि हमने राजनीतिक दलों के लिए एक परामर्श जारी किया है, उन्हें ऐसे राजनीतिक विमर्श को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जो विभाजन करने के बजाय प्रेरित करता हो। पिछले चुनावों में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से निपटने में पक्षपात के आरोपों पर मुखय निर्वाचन आयुक्त ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि किसी के भी खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का अगर कोई मामला होगा, भले ही कोई प्रखयात राजनेता हो, हम चुप नहीं बैठेंगे। हम कार्रवाई करेंगे।

हम अब निंदा नहीं कार्रवाई करेंगे

राजीव कुमार ने कहा कि पहले हम निंदा करते थे लेकिन अब हम कार्रवाई करेंगे। निर्वाचन आयोग लोकसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर गलत सूचना और फर्जी खबरों के प्रसार से निपटने के लिए दोतरफा रणनीति पर अमल करेगा। मतदाताओं को सही तस्वीर प्रदान करने के लिए आयोग आगे आएगा। आयोग जल्द ही सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही फर्जी खबरों के बारे में स्थिति स्पष्ट करने के लिए मिथक बनाम वास्तविकता कार्यक्रम शुरू करेगा।

गलत सूचनाओं को लेकर खास तैयारी

मुखय चुनाव आयुक्त ने बताया कि चुनावों के दौरान गलत सूचना हमें बहुत परेशान करती है। हम दो तथ्यों से अवगत हैं। एक यह कि सोशल मीडिया हमारे संपर्क कार्यक्रमों में हमारी मदद करता है और लोकतंत्र में किसी की भी आलोचना करने की स्वतंत्रता है। लेकिन किसी को फर्जी खबरें बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। सूचना प्रौद्यागिकी अधिनियम की धारा 69 और 79 (3) के तहत प्रत्येक राज्य में अधिकारियों को फर्जी सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने के लिए कहने का अधिकार है। सभी राज्यों में अधिकारी नियुक्त किए गए हैं या नियुक्त किए जा रहे हैं। प्रत्येक जिले में हमने इस तरह के खतरे से निपटने के लिए गहन प्रशिक्षण दिया है। हमारी पूरी मशीनरी अब तथ्यों के आधार पर प्रतिक्रिया करेगी।

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