आखिर सालों बाद लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को याद आए अवैध कब्जे
लुधियाना 8 अगस्त। लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट और जिला प्रशासन को आखिर ताजपुर रोड पर बनी झुग्गियों के अवैध कब्जे याद आ गए। जिसके बाद ट्रस्ट की और से पीला पंजा चलाकर 70 झुग्गियां गिरा दी गई। लोगों का आरोप है कि इस संबंध में ट्रस्ट द्वारा पहले कोई नोटिस भी जारी नहीं किया गया और बिना चेतावनी दिए एक्शन ले लिया गया। हालाकि मौके पर कई दुकानें व ढ़ाबे भी तोड़ दिए गए। इस दौरान वहां रह रहे लोगों द्वारा इस कार्रवाई का विरोध किया गया। लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस फोर्स द्वारा उन्हें रोक लिया गया। बता दें कि यह अवैध कब्जे आज से नहीं बल्कि पिछले कई सालों से हुए हैं। लेकिन इस संबंध में कभी भी ट्रस्ट द्वारा एक्शन नहीं लिया गया। हालाकि कई लोगों द्वारा तो कोर्ट से स्टे भी ले रखे हैं।
सरकारी स्कूल की चारदीवारी का काम शुरु
जानकारी के अनुसार झुग्गियों वाली जगह पर सरकारी स्कूल बनाया जा रहा है। जिसकी चारदीवारी हो रही है। लेकिन दौरान झुग्गियों के कारण चारदीवारी नहीं हो पा रही थी। जिसके चलते इन्हें एकदम एक्शन लेते हुए गिरा दिया गया। जिसके बाद अब चारदीवारी का काम भी शुरु कर दिया गया है।
बिजली विभाग ने लोगों के लगा रखे मीटर
वहीं बता दें कि अगर कोई जगह इललीगल है तो वहां पर बिजली मीटर नहीं लग सकता। लेकिन इन झुग्गियों में कई दुकानों पर बिजली मीटर लगे हुए हैं। जबकि एक दुकानदार कुलदीप सिंह ने बताया कि उन्हें कोर्ट से स्टे मिला हुआ है। इलाके में उनकी दुकान है। उनके यहां बिजली का मीटर लगा हुआ है। वे बिजली का बिल भी भरते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि अगर यह जगह इललीगल है तो आखिर मीटर कैसे लग जाते हैं।
डीसी के आदेशों के बाद की कार्रवाई – अधिकारी
वहीं मौके पर पहुंचे इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के अधिकारी नवीन मल्होत्रा ने बताया कि शिक्षा विभाग पीडब्ल्यूडी के माध्यम से चारदीवारी का निर्माण करवा रहा है। स्कूल को दी गई जगह पर अवैध कब्जे किए गए हैं। जबकि कई कब्जे सड़क पर भी है। डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी के साथ मीटिंग के दौरान पीडब्ल्यूडी विभाग ने कहा था कि उन्हें चारदीवारी करने में परेशानी आ रही है। जिसके बाद डीसी द्वारा ट्रस्ट व निगम की जिम्मेदारी लगाई थी कि झुग्गियों को हटाया जाए। जिसके बाद यह एक्शन लिया गया है।
क्या प्रशासन अवैध तरीके से बिजली सप्लाई देने वालों पर लेगी एक्शन
बेशक यह झुग्गियां अवैध तरीके से बनी थी, जिसके बारे में सभी सरकारी विभाग अच्छे से जानते हैं। लेकिन फिर बिजली विभाग द्वारा यहां बिजली सप्लाई कैसे दे दी गई, यह सोच का विषय है। प्रशासन द्वारा यह कार्रवाई तो कर दी गई अब क्या अवैध मीटर लगाने वाले अधिकारियों पर भी एक्शन लिया जाएगा या उन्हें ऐसे ही छोड़ दिया जाएगा। लोगों में चर्चा है कि रिश्वत लेकर ही मीटर लगाए गए थे।