ये रिश्ता क्या कहलाता है : चर्चित-विवादित भजन गायक कन्हैया मित्तल अब खुलेआम करेंगे भाजपा का ‘गुणगान’

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टाइमिंग-देखें : जागरण में  ‘जो राम को लाएं हैं’ भजन गाया था कन्हैया ने तो बिट्‌टू ने पगड़ी उनके चरणों में लगा दी थी

लुधियाना 29 मई। चर्चित भजन गायक कन्हैया मित्तल पंजाब में लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान में खूब विवादित रहे। यह विवाद तब और बढ़ा, जब लुधियाना लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार रवनीत सिंह बिट्‌टू ने महामाई के जागरण में उनके चरणों में पगड़ी लगा दी थी। कन्हैया की टाइमिंग भी खूब रहती है, जैसे ही राजनेता धार्मिक कार्यक्रम में आते हैं तो वह पूरी लगन से  ‘जो राम को लाए हैं’ भजन जरुर गाते हैं।

लुधियाना में तो उनके धार्मिक कार्यक्रम में बीजेपी प्रत्याशी बिट्‌टू के पहुंचते ही धर्म-राजनीति का जबर्दस्त मिश्रण दिखा था। उस दौरान बिट्टू मगन होकर नाचे तो जय मोदी, हर-हर मोदी के नारे लगे थे। खैर, ‘राजनीतिक-धार्मिक घालमेल’ वाला यह प्रयोग भजन गायक के कई कार्यक्रमों में बीते दिनों देखने को मिला। जिस पर विवाद भी हुए, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि कथित तौर पर बेहद सतर्क नजर आने वाले चुनाव आयोग को इसमें कुछ भी गलत नहीं लगा।

लिहाजा चुनाव आयोग की आचार-संहिता से बेखौफ भजन गायक कन्हैया मित्तल ने खुद ही खुलकर बीजेपी के हक में मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने सोशल-मीडिया में लाइव होकर ऐलान कर दिया कि वह बुधवार को लुधियाना में भाजपा प्रत्याशी बिट्‌टू के रोड-शो में शामिल होंगे। बताते हैं कि इसके बाद वह धार्मिक कार्यक्रमों में चले जाएंगे। जहां उनके मंच से वही चर्चित भजन ‘जो राम को लाएं हैं’ गूंजेगा। हालांकि कन्हैया हमेशा स्पष्टीकरण देते रहे हैं कि वह केवल भजन गायक हैं और विशुद्ध धार्मिक कार्यक्रम करते हैं। यह बताते हुए वह भूल जाते हैं कि राजनेताओं की तरह ही वह समुदाय विशेष के गायक के भजन गाने पर आपत्ति जता चुके हैं।

पगड़ी का अपमान किया था बिट्‌टू ने : शिरोमणि अकाली दल-बादल के राष्ट्रीय प्रवक्ता हरजिंदर सिंह बॉबी गरचा ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा मैंने ही उठाया था। दशम गुरु साहिब की देन पगड़ी को एक जीवित व्यक्ति के चरणों में टिकाकर बिट्‌टू ने नकली सिख होने का सबूत पेश किया था। उसे श्री अकाल तख्त के सामने पेश होकर अपने पाप का प्रायश्चित करना चाहिए था। ऐसा करने की बजाए उसने भजन गायक मित्तल को अपने रोड-शो में आने की इजाजत देकर बेशर्मी का भी काम किया है।

यह आचार-संहिता का खुला उल्लंघन : सीनियर वकील व सूबे के पूर्व मंत्री महेशइंदर सिंह गरेवाल ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया जताई। उन्होंने कहा कि जब अकाली सिख धर्म के अनादर का मुद्दा उठाते हैं तो भाजपा उसे सांप्रदायिकता से जोड़ देती है। अब धार्मिक कार्यक्रमों में बीजेपी का अपरोक्ष प्रचार करने वाला गायक खुलकर उनके प्रचार में जुट गया तो इसे आचार संहिता की धज्जियां उड़ाना ही कहेंगे। इस मुद्दे पर पंजाब के सीएम भगवंत मान को बोलना चाहिए था, लेकिन आप तो अंदरखाते बीजेपी की मददगार बनी है।

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