दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पहली शिखर बैठक ग्योंगजू शहर में हुई। यह बैठक एशिया-पैसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (APEC) समिट के दौरान आयोजित की गई। शी जिनपिंग 11 साल बाद दक्षिण कोरिया पहुंचे थे।
तकनीकी गिफ्ट और हल्का मजाक
बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को उपहार दिए। शी जिनपिंग ने ली जे म्युंग को चीन की प्रमुख टेक कंपनी शाओमी के दो स्मार्टफोन भेंट किए। उन्होंने बताया कि इन फोनों की स्क्रीन कोरिया में बनी है। इस पर ली ने मजाक में पूछा—“क्या लाइन सुरक्षित है?” जिस पर शी ने हंसते हुए कहा—“देख लो, कहीं बैकडोर तो नहीं है।” इस जवाब ने सभी को मुस्कुरा दिया।
क्या है बैकडोर और क्यों डरता है कोरिया?
‘बैकडोर’ एक छिपा हुआ कोड होता है, जो फोन या सिस्टम की सुरक्षा को भेदकर हैकर्स को जानकारी तक पहुंचने देता है। चीन के कानून के अनुसार, कंपनियां जरूरत पड़ने पर सरकार को डेटा सौंप सकती हैं। इसी कारण दक्षिण कोरिया जैसी लोकतांत्रिक देश, जो अमेरिका के करीबी हैं, डेटा सुरक्षा को लेकर सतर्क रहते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाओमी के कुछ सिस्टम्स में पहले भी डेटा ट्रैकिंग और सुरक्षा संबंधी खामियां पाई गई थीं।
बैठक में सुरक्षा और व्यापार पर भी चर्चा
बैठक में दोनों नेताओं ने तकनीक, व्यापार और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा की। यह वार्ता एशिया में स्थिरता और सहयोग के नए अध्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।





