लुधियाना 14 नवंबर। 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे के रूप में मनाया जा रहा है। डायबिटीज के संबंध में डॉ. रिशु भनोट, एमडी, जिन्होंने यूनाइटेड किंगडम से डायबिटीज में फेलोशिप की है, उन्होंने बताया कि डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है जिसमें व्यक्ति के शरीर में ब्लड शुगर का स्तर अनियंत्रित हो जाता है। इसे नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन की मदद की आवश्यकता होती है। अगर शुगर लेवल सामान्य से बहुत अधिक रहता है तो शरीर के सभी अंग खराब होने लगते हैं, साथ ही लीवर, किडनी और शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होने लगते हैं। यहां तक कि हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं और आंखों की रोशनी पर भी असर पड़ता है। विशेषज्ञ डॉक्टरों के मुताबिक डायबिटीज आंखों की रोशनी कम होने का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। जो पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। डॉ. रिशु भनोट कई वर्षों से डायबिटीज का अभ्यास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बीमारी आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि से प्रभावित होती है, जबकि 80 प्रतिशत प्रभाव हमारे सामान्य सार्वजनिक जीवन पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि खाना खाने के दौरान अग्न्याशय भोजन में मौजूद शर्करा को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन छोड़ता है। जिससे डायबिटीज कंट्रोल में रहती है, लेकिन उम्र के साथ हमारी जीवनशैली हमारे अग्न्याशय की कार्यप्रणाली को कम कर देती है। जिसके कारण हमारे शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है और शुगर की मात्रा बढ़ने से डायबिटीज होने लगती है। डॉ. रिशु ने बताया कि बच्चों में डायबिटीज अलग होती है। इसके अलावा डायबिटीज दो और प्रकार की होती है, सबसे आम डायबिटीज जो उम्र के साथ होती है। अस्वस्थ, युवा लोगों को साल में एक बार इसकी जांच करानी चाहिए।
14 नवंबर को मनाया गया वर्ल्ड डायबिटीज डे, डॉ. रिशु भनोट ने दिए सुझाव
Rajdeep Saini
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