कुल 63 ट्रेन कैंसिल, किसान नेता पंधेर ने दी चेतावनी
सरकार को 27 अप्रैल तक की मोहलत मांगें मानने को
लुधियाना/यूटर्न/25 अप्रैल। केंद्र सरकार आंदोलित किसानों को मनाने में नाकाम रहने से आम लोग बेहाल हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान-मजदूर मोर्चा की अगुवाई में किसान पिछले हफ्ते से पंजाब के शंभू रेलवे स्टेशन पर डटे हैं। वह रेलवे ट्रैक जाम कर उस पर ही धरना दे रहे हैं। नतीजतन, नए शैड्यूल के तहत रेलवे ने 63 ट्रेनें कैंसिल कर दी हैं। इनमें से काफी ट्रेनें इंडस्ट्रियल हब लुधियाना से भी गुजरती हैं।
उधर, किसानों ने दोटूक कहा है कि जब तक तीनों किसानों की रिहाई नहीं होती है, रेलवे ट्रैक नहीं खोलेंगे। हमने सरकार को 27 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है। वहीं, किसानों के ट्रैक पर बैठे रहने से मुसाफिर बेहाल हैं। जबकि रेलवे को आर्थिक नुकसान अलग से उठाना पड़ रहा है। किसान आंदोलन के चलते 63 ट्रेन कैंसिल हैं। यही नहीं, कई ट्रेनों के रूट डायवर्ट करने पड़े हैं। जिनकी रेलवे ने लिस्ट जारी की है। आंदोलन को लेकर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि आंदोलन को 70 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं। जब मोर्चे को 100 दिन हो जाएंगे, उस दिन शंभू, खनौरी और डबवाली बॉर्डर पर लाखों किसान जुटेंगे।
यूनियन ने हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और यूपी के किसानों से अभी से तैयारी करने की अपील की है। पंधेर ने तंज कसा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोई आशंका होगी तो उस दिन बॉर्डर पर आकर
देख लेंगे। एक मई को बॉर्डर पर ही मजदूर दिवस मनाया जाएगा। साथ ही कहा कि खुला चैलेंज देने के
बावजूद कोई भी भाजपा नेता किसान भवन चंडीगढ़ में नहीं पहुंचा। भाजपा नेता किसानों के सवालों के
जवाब देने से भाग गए। भाजपा सरकार विकसित भारत का नारा देकर विकास के एजेंडे से भाग रही है।
बीजेपी ने पहले वैष्णो और गैर वैष्णो और हिंदू बनाम मुस्लिम का एजेंडा चलाया है।
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