परम पूज्य गुरुदेव संत शिरोमणी श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज एवं परम पूज्य  भक्त श्री हंसराज जी महाराज (स्नेही पिता जी) की असीम कृपा से पूज्य पिता श्री कृष्ण जी महाराज एवं पूज्य माँ श्री रेखा जी महाराज के पावन सानिंध्य में राज्य स्तरीय “रामायण-ज्ञान-यज्ञ”

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जो कि मंगलवार 23 सितंबर से आरंभ होने जा रहा है, के उपलक्ष्य में लड़ीवार अमृतवाणी सत्संग दशहरा मैदान, उपकार नगर में हुआ।

लुधियाना,,, 18 सितम्बर –

जो कि मंगलवार 23 सितंबर से आरंभ होने जा रहा है, के उपलक्ष्य में लड़ीवार अमृतवाणी सत्संग दशहरा मैदान, उपकार नगर में हुआ।

सभा में आदरणीय श्री नरेश सोनी जी (भाई साहिब) ने सभी को रामायण ज्ञान यज्ञ में सम्मलित होने का निमंत्रण दिया और कहा की
श्री रामायण जी का पुण्य पाठ हमें जीवन में कैसे रहना चाहिए सिखाता है। इसके श्रद्धापूर्वक श्रवण मात्र से, सुनने मात्र से हमें सुख की अनुभूति होती है।

उन्होंने कहा विचार की दृष्टि से देखो प्रभु ने हमें क्या नहीं दिया है। परंतु हमें जो मिला हैं, उस में हम संतुष्ट नहीं रहते। यही दुख का कारण है। प्रभु ने जो हमारे भाग्य में लिखा है वह तो मिल कर रहेगा, उसे कोई रोक नहीं सकता। परंतु समय से पहले और भाग्य से अधिक किसी को कुछ भी नहीं मिल सकता। इस लिए हमें अपनी नियत को साफ रखना है। नियत में खोट आने से सुख भी दुख में बदल जाता है। तीनों लोकों का सार यही है कि सुख परमेश्वर की शरण में है। परंतु असली सुख राम नाम के जाप और सत्संग में है। सत्संग में जा कर संतों के संग से पता चलता है की मैं कौन हूं और मेरा कौन है। जब सात्विक वृति जागृत होती तो पैर सत्संग की ओर जाते हैं। सत्संग में जा कर अच्छा बनने की प्रवृति उत्पन होती है। प्रभु की कृपा के बिना सुख के साधन तो आ सकते हैं पर सुख और शांति राम नाम के जाप, सत्संग और समर्पण से मिलती है। बुरे काम के लिए यदि व्यक्ति संकोच नही करता तो अच्छे काम के लिए संकोच क्यों करना। इस लिये हमनें सत्संग का अधिक से अधिक प्रचार करना है। अधिक से अधिक व्यक्तियों को राम नाम से जोड़ना है। राम नाम का सिमरन करने वाला ही सुखी रह सकता है। ज्ञान पाने के लिए हमें शरणागत होना पड़ेगा। हमें बुरे कामों में जल्दी नही करनी चाहिए और अच्छे कामों में देरी नही करनी चाहिए। भूल जायो पीछे क्या होया। जब जागों तब ही सवेरा होता है।
उत्तम का संग करके ही हम ज्ञान को पा सकते है। हमने ज्ञानी भक्त बनना हैं। ज्ञान संतो के संग और सत्संग में ही मिलता है। इस लिए हमे सत्संग में आवश्यक जाना चहिए।

सत्संग में भारी संख्या में राम नाम के साधकों ने शामिल होकर राम कृपा प्राप्त की। शहर के गणमान्य व्यक्तियों (विधायक श्री अशोक पराशर पप्पी, विधायक श्री मदन लाल बग्गा, पार्षद श्री सुमन वर्मा, श्री हेमराज अग्रवाल, श्री मति राशि अग्रवाल, श्री रमेश जोशी, अवतार कृष्ण तारी, श्री राजू थापर, श्री नरिंदर मल्ली, श्री अनिल सरीन, श्री विजय गर्ग,श्री चन्नी गिल, श्री राजेश रत्न भारद्वाज, श्री अशोक राणा, श्री केशव गुप्ता, श्री राजेश शर्मा मिंटू, श्री विकास गोयल, श्री शिव धीर, श्री ईशान शर्मा, श्री गौरव स्याल, श्री बलजिंदर संधू, श्री पुष्पिंदर भनोट, इत्यादि) ने उपस्थित हो कर प्रभु श्री राम एवं सत्संग का आशीर्वाद प्राप्त किया।

आश्रम के प्रवक्ता श्री विजय गर्ग जी ने सूचित किया कि नवरात्रों के पावन दिनों में होने वाले राज्य स्तरीय रामायण ज्ञान यज्ञ प्रचार के उपलक्ष्य में चल रहे लड़ीवार अमृतवाणी सत्संग श्रृख़ला की पूर्णाहुति रविवार, 21 सितंबर, को इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, संधू नगर, सिविल सिटी, में होगी।

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