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क्या निर्दलीय बिगाड़ेंगे बीजेपी और कांग्रेस का खेल, जानिए कहां-कहां बगावत

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हरियाना/यूटर्न/13 सितंबर: विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद हरियाणा में कुछ अलग ही तस्वीर देखने को मिल रही है। बागी नेताओं ने राजीतिक दलों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सबसे ज्यादा मुश्किल का सामना कांग्रेस और बीजेपी को करना पड़ा रहा है। कांग्रेस और बीजेपी में अपनों की बगावत से हरियाणा चुनाव के पूरे सीन को बदल सकता है। इस बार कांग्रेस को आशा है कि भाजपा को सत्ता से बाहर करने में वह कामयाब रहेगी। लेकिन, जिस तरह से टिकट बंटवारे के बाद कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता एक-एक कर पार्टी छोड़ते गए उनकी टेंशन बढ़ा दी है। वहीं बीजेपी का भी कुछ ऐसा ही हाल है। कांग्रेस और बीजेपी के लिए यह इस चुनाव में ये अच्छे संकेत नहीं माने जा रहे हैं।
सावित्री जिंदल ने बढ़ाई बीजेपी की टेंशन
पूर्व केंद्रीय मंत्री सावित्री जिंदल ने गुरुवार को हिसार सीट से निर्दलीय उंमीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। सावित्री जिंदल, कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद नवीन जिंदल की मां हैं और 29.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की संपत्ति के साथ देश की सबसे अमीर महिला हैं। उनके इस कदम से बीजेपी उंमीदवार डॉ कमल गुप्ता की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गुप्ता पहले से ही पार्टी के भीतर विद्रोह का सामना कर रहे हैं। बीजेपी के टिकट पर हिसार नगर निगम के मेयर बने गौतम सरदाना और बीजेपी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष तरुण जैन ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है।
जींद में भी कांग्रेस को लग सकता है झटका
जींद सेगमेंट से प्रदीप गिल, उचाना कलां से वीरेंद्र घोघडिय़ा और दिलबाग संदील, नरवाना (एससी) से विद्या रानी ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया, जो पार्टी के भीतर विद्रोह का संकेत देता है। इसके अलावा, कई अन्य नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी नाराजगी व्यक्त की, क्योंकि उन्हें पार्टी टिकट नहीं मिला था। गिल, घोघडिय़ा, बलजीत रेड्डी और रघुबीर भारद्वाज ने सोशल मीडिया पर अपनी निराशा व्यक्त की और दावा किया कि पार्टी ने कड़ी मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं की अनदेखी की।
विनेश को टिकट देने से खुश नहीं कई नेता
एक सूत्र ने कहा कि यह स्पष्ट है कि सभी प्रमुख नेता विशेष रूप से जुलाना, जींद और उचाना कलां क्षेत्रों में परेशान हैं। लेकिन पार्टी के पक्ष में लहर को देखते हुए वे टिकट आवंटन पर चुप हैं। पूर्व पहलवान विनेश फोगट के नामांकन से प्रमुख खिलाड़ी खुश नहीं हैं।
अंबाला में भी बढ़ी कांग्रेस की टेंशन
अंबाला में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। यहां कांग्रेस के तीन बागी नेता निर्दलीय उंमीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे। चित्रा सरवारा अंबाला कैंट से और जसबीर मल्लौर और हिंमत सिंह अंबाला सिटी से निर्दलीय उंमीदवार के रूप में पर्चा दाखिल कर चुके हैं। ये तीनों नेता कांग्रेस के आधिकारिक उंमीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। चित्रा के पिता और पूर्व मंत्री निर्मल सिंह अंबाला सिटी से कांग्रेस के उंमीदवार हैं। चित्रा को अंबाला कैंट से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने बगावत कर दी है।
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