पंजाब/यूटर्न/17 जुलाई: राजधानी दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर को लेकर विरोध बढ़ता ही जा रहा है। इस मंदिर को लेकर केदारनाथ धाम से जुड़े पंडित पुरोहितों में पहले गुस्सा भरा है। अब ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनने पर अपनी नाराजगी जाहिर की। इसके साथ ही उन्होंने केदारनाथ में हुए सोना घोटाले पर भी सवाल उठाए। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मीडिया से बात करते हुए पूछा कि केदारनाथ में सोना घोटाला हुआ है, उस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया जाता? वहां घोटाला करने के बाद अब दिल्ली में केदारनाथ बनेगा? उसके बाद फिर एक और घोटाला होगा। केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब है। कोई जांच शुरू नहीं हुई है। इसके लिए कौन जिंमेदार है? अब वे कह रहे हैं कि दिल्ली में केदारनाथ बनाएंगे ये नहीं हो सकता। केदारघाटी में हो रहे विरोध के बीच उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस विवाद पर कहा कि बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर केदारनाथ बाबा के नाम का मंदिर अन्य जगहों पर भी बन गया तो इससे धाम की महिमा कम नहीं होगी। हालांकि इस मंदिर से लाखों भक्तों की आस्था जुड़ी है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसलिए मैंने बीकेटीसी के संबंधित लोगों से वार्ता करके स्थिति को स्पष्ट करने के लिए कहा है।
10 जुलाई को हुआ मंदिर का भूमि पूजन
बता दें कि दिल्ली के बुराड़ी में श्री केदारनाथ मंदिर के तर्ज पर केदारनाथ मंदिर बनाया जा रहा। जिसका भूमिपूजन खुद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 10 जुलाई को किया है। मंदिर के भूमि पूजन के बाद उत्तराखंड के सीएम धामी ने कहा कि इस मंदिर से बाबा के भक्तों और सनातन संस्कृति की आस्था को बल मिलेगा। इसके बाद ही केदारघाटी की जनता और केदारनाथ का पंडा समाज आहत और आक्रोशित है।
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