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ओमेक्स कमर्शियल प्रोजेक्ट के बाहर काटे गए सालों पुराने पेड़ों का कातिल कौन, क्या हमेशा की तरह दबा दिया जाएगा मामला

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(राजदीप सिंह सैनी)
लुधियाना/यूटर्न/21 अप्रैल। वैसे तो पंजाब सरकार की और से राज्य के लोगों को हर घर में पेड़ लगाने की बात कही जाती है। लेकिन इस पर अमल कोई भी नहीं करता, जबकि सरकार व प्रशासन भी इसमें कोई एक्शन नहीं लेते। बात करें कॉलेज रोड पर बन रहे ओमेक्स के कमर्शियल प्रोजेक्ट की। इस प्रोजेक्ट के बाहर 100 साल पुराने लगे पेड़ को गिरा दिया गया। इस संबंध में आम आदमी पार्टी के वॉर्ड मन्नू जैरथ का कहना है कि पेड़ का कुछ हिस्सा गिरने से परेशानी आ रही थी। जिसके चलते उसे काटा गया। वहीं एडवोकेट सिद्धार्थ शर्मा का कहना है कि पेड़ को पूरी तरह से काटा गया है, जोकि सरासर गलत है। मगर हैरानी की बात तो यह है कि हॉर्टिकल्चर और नगर निगम विभाग द्वारा अभी तक इस मामले में कार्रवाई नहीं की है।

पांच दिन बाद भी कोई एक्शन नहीं
पांच दिन पहले काटे गए पेड़ों के मामले में अभी तक प्रशासन द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया है। आखिर इन पेड़ों का कातिल कौन है,  लोगों में चर्चा है कि कॉर्पोरेट ग्रुप होने के चलते प्रशासन भी कोई कार्रवाई करने से कतरा रहा है। जबकि इससे मनुषय के साथ साथ जानवरों को भी खतरा है। अगर इसी तरह कॉर्पोरेट घराने मनमानी से पेड़ काटते रहे, तो शहर में एक भी पेड़ दिखाई नहीं देगा।

सरकारी कार्रवाई का दिया जा रहा रुप
लोगों में चर्चा है कि आखिर सरकारी प्रशासन व नेता पेड़ का कुछ हिस्सा गिरने के कारण उसे काटने की बात कह रहे हैं। लेकिन सड़क पर और भी पेड़ हैं। आखिर वहीं पेड़ का कुछ हिस्सा गिरा और उसे पूरा पेड़ ही काट दिया। जबकि उसके आसपास लगे और भी पेड़ काटे गए हैं। लोगों में चर्चा है कि कुछ लोगों द्वारा आपसी सेटिंग के चलते पेड़ काट दिया गया। लेकिन अब उसे सरकारी कार्रवाई का रुप देकर मामला दबाने की कोशिश की जा रही है।

क्यों काटे, किसने काटे, कुछ नहीं पता
ओमेक्स की और से रेलवे की जगह पर अपना कमर्शियल प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है। जिसके बाहर यह पेड़ लगे हैं। वहीं हैरानी की बात तो यह है कि 100 साल पुराने पेड़ काट दिए गए, लेकिन किसने काटे और क्यों काटे, इसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता। मगर चिंता का विषय यह है कि बिना किसी के कहे कैसे इतने बड़े पेड़ काट दिए गए।

कॉर्पोरेट घराने कानून ले रहे हाथ में
समाज सेवा के दावे करने वाले कॉर्पोरेट घराने अब खुद ही नियम तोड़ने में लगे हुए हैं। सरेआम कॉर्पोरेट ग्रुप पेड़ काटकर कानून को हाथ में ले रहे हैं। लेकिन फिर भी प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। चर्चा है कि अधिकारियों की शह के चलते ही यह पेड़ काटे गए हैं।

आम व्यक्ति पर मिनट में होता है पर्चा
वहीं ज्वैलर मनोज ढ़ाडा ने कहा कि अगर यह पेड़ इल्लीगल काटा गया है तो सरासर गलत है। मल्टीनेशनल कंपनियों के पास क्या हक है कि वह ऐसे कानून हाथ में ले और पेड़ काटे जाएं। वैसे तो नगर निगम और अन्य विभाग पेड़ काटने पर मिनट में आम व्यक्ति पर पर्चा दे देते हैं, लेकिन अब मामला क्यों नहीं दर्ज किया जा रहा।

पेड़ की टहनी टूटी, हॉर्टिकल्चर विभाग ने उतारी
वहीं आप पार्टी के नेता मन्नू जैरथ ने कहा कि उन्हें पांच दिन पहले एक रेजिडेंट द्वारा फोन कर बताया था कि पेड़ की एक बड़ी टहनी टूट गई है। जिसके बाद हॉर्टिकल्चर विभाग को कॉल की। उन्होंने मौके पर आकर टहनी को उतार दिया था। किसी भी किस्म का इल्लीगल कार्य नहीं हुआ है।

एनजीटी को करेगें शिकायत
वहीं एडवोकेट सिद्धार्थ शर्मा ने कहा कि इस संबंध में एनजीटी को शिकायत की जाएगी। ऐसे इल्लीगल तरीके से पेड़ नहीं काटे जा सकते। मौके की फोटो व वीडियो हैं। जिसमें सड़क पर लगा पेड़ काटा गया है। जल्द इसमें शिकायत देकर कार्रवाई करवाई जाएगी।

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